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निशुल्क इलाज पाकर खिले मरीजों के चेहरे

सोमवार, 6 दिसंबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
आदिवासी वस्ती ठकुरपुरा में मानसिक स्वास्थ्य जांच शिविर में 120 मरीजों का हुआ उपचार
50 फीसदी मरीज निकले मानसिक रोग से पीड़ित इनको लगातार ईलाज एवं परामर्श की आवश्यकताः-डा. अर्पित बंसल मनोचिकित्सक जिला चिकित्सालय शिवपुरी
5 धात्री महिलाओं में निकली खून की अति कमी कारण इन्होने प्रसव के बाद आयरन एवं कैल्शियम की गोली का सेवन नही कियाः- डा माधव सक्सैना मेडिकल आफीसर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कमलागंज
शिवपुरी। आदिवासी वस्ती ठकुरपुरा में मानसिक स्वास्थ्य जिला चिकित्सालय एवं शक्तिशाली महिला संगठन की टीम ठकुरपुरा में पहुंची । शहर के जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम ने मरीजों की सेहत जांची और उन्हें निशुल्क दवाओं का वितरण किया। शिविर में 120 मरीजों की जांच निशुल्क जांच करते हुए उन्हें आवश्यक सलाह देते हुए दवाएं भी दी गई। इस बीच ज्यादातर मरीज मानसिक रुप से पीड़ित एवं खून की कमी से पीड़ित मरीज मिले। डा0 अर्पित बसंल एवं डा. माधव सक्सैना ने शिविर में आए लोगों का एक.एक करके जांच किया। मानसिक स्वास्थ्य की  एवं खून की कमी से पीड़ित बच्चों एवं महिलाओं की जांच करते हुए शारीरिक समस्या की जानकारी ली। र्डा. अिर्पत बसंल मनोचिकित्सक जिला चिकित्सालय ने लोगों को सलाह दिया कि जरा सी भी समस्या होने पर तत्काल चेकअप कराएं  अगर आपको नींद न आए आप चिड़चिड़े हो रहे है बात बात पर गुस्सा कर रहे है तो आप मानसिक रुप से अस्वस्थ्य है इनको उपचार की एवं परामर्श की आवश्यकता है । कुपेाषित बच्चे, एवं महिलाओं की जांच करने पर 5 महिला जो कि धात्री है खून की कमी से ग्रसित पायी गयी जिनको कि आगे की जांच के लिए जिला चिकित्सालय भेजने की सलाह दी। जांच शिविर में शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोेयल ने कहा कि आदिवासी वाहुल्य क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करने का सबसे वड़ा लाभ यह है कि इनको गांव मे ही जांच हो जाती है एवं आवश्यक दवाईया मिल जाती है इसके साथ ही इन लोगो को अंागनवाड़ी केन्द्र में ही निशुल्क जांच एवं आवश्यक दवाईयां मिल जाती है। जिसका सवसे बड़ा फायदा आदिवासी परिवारो को होता है जिसकी इनको ज्यादा जरुरत है। कार्यक्रम में सुपोषण सखी हर्षा कपूर ने कहा कि गर्भवती माताओ को अनिवार्य रुप से आयरन कैल्शियम की गोली दिया जाना चाहिए एवं प्रसव होने के बाद धात्री माताओं को 6 महिने तक आयरन कैल्शियम की गोलियों प्रदान करना चाहिए लेकिन देखने में आता है कि धात्री माताओं को आयरन व कैल्शियम की गोली आशा कार्यकर्ता के द्वारा नही प्रदान की जाती है जिस कारण माताए खून की कमी से ग्रसित हो रही है जो कि चिंता जनक है अगर धात्री माताओं को आयरन कैल्शियम गेालियों नही मिलने के कारण यह आगे जाकर कुपोषित बच्चे को जन्म देती है। आज आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर में ठकुऱपुरा आदिवासी वस्ती की आंगनवाड़ीर कार्यकर्ता नर्मदा फरेले , आशा कार्यकर्ता अची रावा शर्मा, समुदाय की महिलाए , कुपोषित बच्चे, मानसिक रोग से पीड़ित रोगी, एवं  दो ऐसे बच्चों की पहचान की जो कि मानसिक रोग से पीडित है।

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