शिवपुरी। किसे नहीं मालूम कि बूंद बूंद प्यासी शिवपुरी के लिए मड़ीखेड़ा योजना कितनी महत्वपूर्ण है। मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने इस योजना को नगर में लाने के लिये क्या जतन नहीं किये। उन्होंने काम जल्द पूरा करवाने मड़ीखेड़ा डेम पर रात को भी डेरा डाला था। प्रतिष्ठा का विषय बनाया था, तब जाकर यह मड़ीखेड़ा योजना नगर में आई है। यह वहीं योजना है जिसकी खातिर जल सत्याग्रह भी हुआ। तब करोड़ों की योजना पूरी हुई लेकिनइस योजना के पानी की जिस तरह बर्बादी की जा रही है उसे देखकर अच्छा अनुभव नहीं होता।
बोलती तस्वीरों में देखिये अनमोल जल की बर्वादी
इस योजना की पालनहार नगर पालिका शिवपुरी के अधिकारी योजना को किस तरह बर्बादी के कगार पर ले जा रहै हैं mama kadhamaka.com ने आज इसकी तस्वीर पेश की है। शहर के अलग-अलग हिस्सों की हम कुछ तस्वीरें लेकर आए हैं जहां मड़ीखेड़ा की लाइन लीकेज है और हजारों गैलन पानी हर दिन बर्बाद हो रहा है। यह मामला और सनसनीखेज इसलिए है कि 24 घंटे 7 दिन लगातार पेयजल सप्लाई के दावे वाली इस पेयजल योजना को पूरी होने तक अनुबंधकर्ता कंपनी दोशियान को काम से हाथ धोना पड़ा था। बाद में इस योजना को मंत्री श्रीमंत सिंधिया, कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव की देखरेख में ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंधक महेश मिश्रा और नगरपालिका के इंजीनियर एसके मिश्रा की जुगलबंदी ने मिलकर जैसे तैसे पूरा किया। चाहे जो रहा लेकिन योजना पूरी हो गई लेकिन इधर नगर के लोगों को 24 घंटे 7 दिन लगातार पानी नहीं मिलता। कई इलाकों में 3 दिन में 2 घंटे के लिए सप्लाई आती है। लेकिन दूसरी तरफ हजारों गैलन पानी हर दिन नालियों में बह जाता है या फिर सड़क तर करता नजर आता है। आज हम बोलते हुए फोटो के साथ आपको यह दिखाने जा रहे हैं कि हम झूठ नहीं बोलते। आईए देखिए आपको बताते हैं आज शहर में कहां-कहां मड़ीखेड़ा पेयजल योजना के पानी की बर्बादी हो रही है।
केस- 1
वायपास पर फूटी लाइन छूट रहे फब्बारे से सड़क तर व तर
नगर से निकले पुराने वायपास वार्ड क्रमांक 10 के इलाके में मनियर चौराहे के पास मड़ीखेड़ा की लाइन आज फिर फूट गई। पार्षद प्रदीप शर्मा ने बताया कि यहां चाहे जब लाइन फूट जाती है और पानी बर्बाद होता नजर आता है। आज सुबह भी जब वह जागे तो देखा मड़ीखेड़ा की लाइन फूट चुकी थी और उससे जोरदार फव्वारे आकाश को छू रहे थे। प्रेशर इतना तेज था कि पानी वायपास की सड़क को तरबतर कर रहा था। यहां से निकल रहे लोग यह कहते नजर आए की पानी की एक-एक बूंद के लिए आवाम परेशान है उसे काम धंधे छोड़कर रात को जागना पड़ता है तब पानी नसीब होता है लेकिन इस तरह मड़ीखेड़ा योजना का पानी बर्बाद किया जाना ठीक बात नहीं है।
केस- 2
कत्थामिल के सामने 1 महीने से लाइन लीकेज, 181 पर भी नहीं हुआ निदान
कत्थामिल के सामने स्थित तुलसी कॉलोनी डेली पब्लिक स्कूल के पास मड़ीखेड़ा की सप्लाई लाइन के लीकेज होने से जलभराव हो गया।
शिवपुरी में मड़ीखेड़ा की सप्लाई लाइन बार बार फूटने से पानी नहीं मिलता लेकिन शहर वासियों के लिए वह परेशानी का सबब बनती जा रही है। जगह जगह लीकेज होने से कॉलोनी वासी परेशान हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि लीकेज की शिकायत लगभग 1 महीने पहले 181 पर की जा चुकी है। उसके बावजूद भी लीकेज सुधारने के लिए किसी प्रकार की कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है।
केस- 3
CNG पंप के पास आसमान छूते फब्बारे
शहर की थीम रोड सीएनजी पंप के निकट मड़ीखेड़ा की मेन लाइन से आसमान छूते फव्वारे उठ रहे हैं। अगर नगर पालिका के अधिकारियों से बात करेंगे तो उनकी दलील होगी कि यह तो बाल का लीकेज है, एयर प्रेशर के कारण पानी निकल रहा है ? लेकिन जनाब कोई इनसे पूछे कि हर दिन हजारों लीटर पानी इस तरह बर्बाद होने से क्या हासिल हो रहा है। आखिर इस समस्या का हल क्यों नहीं निकाला जाता। अन्य शहरों में भी तो पानी की सप्लाई की जाती है लेकिन इस तरह फब्बारे नहीं उड़ते और कहीं जाने की जरूरत नहीं नगर में चांदपाठा से जो सप्लाई होती है उसकी लाइन में भी तो ऐसे फव्वारे नहीं छुटते हैं। फिर क्या वजह है कि मड़ीखेड़ा की मेनलाइन से एक अकेले सीएनजी पंप के पास ही नहीं बल्कि मड़ीखेड़ा डैम से लेकर सतनवाड़ा तक और फिर सतनवाड़ा से लेकर शिवपुरी के बीच कई जगह पर इसी तरह पानी लीकेज हो रहा है। आखिर इस समस्या का निदान कब निकलेगा और अनमोल पानी की बचत किस तरह की जा सकेगी। माना कि डैम सबसे बड़ा है और उसमें कई सालों तक पानी भरा जाता है लेकिन इस तरह पानी की बर्बादी करना भी तो ठीक बात नहीं।

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