शिवपुरी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी
की ओर से ग्रामीणों को अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना के संबंध में जानकारी दी। आज दिनांक 17 फरवरी 2022 को माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमान विनोद कुमार के मार्गदर्शन में एवं श्रीमती अर्चना सिंह माननीय जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से ग्राम पंचायत किशनपुर तहसील कोलारस में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। शिविर के दौरान ग्रामीणों द्वारा ग्राम में पानी की समस्या के संबंध में बताया तो श्रीमती अर्चना सिंह द्वारा उन्हें कहा गया कि सबसे पहले तो उन्हें इस संबंध में पीएचई विभाग को अवगत कराना चाहिए एवं उनके द्वारा पूछा गया कि ग्राम में लोगों की जनसंख्या कितनी है तो सचिव द्वारा बताया गया कि ग्राम में लगभग 1200 लोग निवासरत है तो श्रीमती अर्चना सिंह द्वारा कहा गया कि यदि ग्राम के युवा लोग ही श्रमदान द्वारा ग्राम के तालाबों का गहरीकरण करें तो पेयजल की समस्या का समाधान हो सकता है प्रत्येक कार्य के लिए सरकार पर निर्भर रहना उचित नहीं है। श्रीमती अर्चना सिंह द्वारा मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि उक्त योजना के अंतर्गत अपराध से मृत्यु होने, अपंगता होने, प्रजनन क्षमता का ह्रास होने इत्यादि की स्थिति में प्रतिकर उपलब्ध कराया जाता है जिसके लिए यदि न्यायालय में मामला लंबित है और न्यायालय को प्रतिकर दिलाए जाना उचित लगता है तो वह स्वयं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को उक्त संबंध में अवगत करा देते हैं, अथवा अधिवक्ता के माध्यम से भी इस कार्यालय को सूचित किया जा सकता है या व्यक्ति स्वयं उपस्थित होकर भी आवेदन दे सकता है। इसी के साथ साथ एसिड अटैक के बारे में भी जानकारी दी गई। श्रीमती शिखा शर्मा जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों से संबंधित जानकारी देते हुए कहा गया कि शासन द्वारा इसके लिए संबल योजना बनाई गई है इसलिए असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी मजदूरों को उस योजना के अंतर्गत अपना-अपना पंजीयन करवा लेना चाहिए उससे मजदूरों को एवं उसके परिवार को बहुत लाभ होता है जैसे कि कार्यस्थल पर मजदूर की मृत्यु हो जाने पर बीमा सहायता, 2 बच्चों तक प्रसूति सहायता हेतु राशि, बच्चों की छात्रवृत्ति एवं बिजली के बिल में छूट इत्यादि लाभ मजदूरों को मिल जाते हैं। इसी के साथ-साथ बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोग, महिलाएं, अभिरक्षा के अधीन लोग या ऐसे लोग जिनकी वार्षिक आय ₹200000 से कम है निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं जिसके अंतर्गत शासन के व्यय पर वकील उपलब्ध कराया जाता है।

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