स्वास्थ्य कमिश्रर के आदेश पर राज्य स्तरीय कमेटी गठित
-अस्पताल में पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन की होगी जांच
शिवपुरी। नगर के बहुचर्चित निजी अस्पताल सिद्धि विनायक मल्टी स्पेशलिटी में
पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन की जांच के लिये भोपाल से फरमान जारी हो गया है। स्वास्थ्य कमिश्रर के आदेश पर राज्य स्तरीय कमेटी गठित कर दी गई है। जबकि पहले से एक जांच कमेटी कलेक्टर ने गठित कर रखी है जिसकी जांच जारी है। सिद्धिविनायक अस्पताल के विरुद्ध कमिश्नर सह सचिव स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश शासन भोपाल ने एक उच्चाधिकार प्राप्त राज्य स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। यह समिति सिद्धिविनायक अस्पताल के विरुद्ध सामने आए पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन संबंधी अनियमितताओं की बारीकी से जांच करेगी। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्य प्रदेश शासन के पत्र क्रमांक /डीडी3/पीसीपीएनडीटी/2022 /22 दिनांक 1 फरवरी 2022 को जारी आदेश में कहा गया है निजी अस्पताल सिद्धि विनायक मल्टीस्पेशलिटी पोहरी रोड जिला शिवपुरी के अस्पताल की पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 के अंतर्गत प्रतिवेदित अनियमितताओं की जांच हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाता है। आयुक्त सह सचिव स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सुदाम खाड़े द्वारा हस्ताक्षरित इस आदेश से गठित इस जांच समिति की अध्यक्ष श्रीमती सपना लोवंशी अपर संचालक (शिकायत) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं रहेंगी। यह समिति उनकी अध्यक्षता में जांच करेगी। जबकि डॉ वंदना खरे, संयुक्त संचालक (निवेश) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, डॉ प्रज्ञा तिवारी उपसंचालक (विनियमन) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मुकेश सिंह उपसंचालक (लीगल) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं सदस्य बतौश शामिल किए गए हैं। कमिश्रर हैल्थ ने श्रीमती स्वाति सिंह राज्य सलाहकार (पीसीपीएनडीटी) को निर्देशित किया है कि वे उक्त समिति को आवश्यक विधिक सहयोग प्रदान करेंगी। समिति अपना जांच प्रतिवेदन आयुक्त सह सचिव स्वास्थ्य मध्य प्रदेश डॉ सुदाम खाड़े को प्रस्तुत करेगी।
पूर्व विधायक की शिकायत पर जिला स्तरीय समिति की जांच जारी
इसके पूर्व सिद्धिविनायक को लेकर पूर्व विधायक शकुंतला खटीक की शिकायत पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय जांच दल गठित किया है, जो पूर्व विधायक की पुत्र वधु की नार्मल डिलेवरी को बिना उनकी सहमति के मनमाने ढंग से सीजेरियन आपरेशन में बदलने के आरोपों की जांच कर रहा है। इस जांच दल को 7 दिन में प्रतिवेदन सौंपना था मगर समिति के सदस्यों में कुछ को कोविड होने के चलते रुक गई थी मगर अब यह जांच फिर से प्रक्रिया में आई गई है। उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक शकुंतला खटीक ने आरोप लगाया था कि उनके पुत्र के उनकी वधु के आपरेशन सम्बंधी सहमति पत्र पर भी कोई हस्ताक्षर नहीं हैं। उनकी बहू की नार्मल डिलेवरी को अस्पताल प्रबंधन ने जानबूझकर सीजेरियन में बदला है। उनके इन आरोपों की जांच यह दल कर रहा है।

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