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धमाका नम आँख से: मासूम 'उत्सव' तुम्हें कैसे दें आज हम श्रद्धांजलि, 9 साल बाद भी जब फरार है 25 हजार का आरोपी 'शाकिर'

शनिवार, 5 मार्च 2022

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर की नजरें आज से ठीक 9 साल पहले शिवपुरी पर आकर ठहर गई थीं। शिवपुरी , जिसे शांत
नगरी कहा जाता है वह जल उठी थी। हजारों लोग सड़कों पर तांडव कर रहे थे। गुस्से और प्रतिशोध की वह ज्वाला धधकी थी कि थाने में खड़े वाहन तक आग के हवाले कर दिये गये। यहां तक कि जो कभी नहीं हुआ वह हुआ और माधव चौक पर स्थापित शिवपुरी को बसाने वाले कैलाशवासी माधो महाराज की प्रतिमा तक खंडित कर डाली थी। हर तरफ उपजी गुस्से की आग ने कोहराम मचाया तो देश भर में शिवपुरी का नाम उछला था जो आज भी इतिहास के काले अक्षरों में दर्ज है। यह सबकुछ क्यों हुआ कुछ लोग जानते भी होंगे जबकि जिन्हें नहीं मालूम उन्हें बता दें कि यह सब घटनाक्रम  2 मार्च 2013 को एक स्कूली छात्र  उत्सव गोयल (12) पुत्र कमल गोयल जिसकी आज पुण्यतिथि है उसके अपहरण और फिर नृशंश हत्या  कर दिए जाने की वजह से हुआ था। दरअसल जिस
हेप्पीडेज स्कूल में उत्सव पढ़ता था उसी स्कूल की वेन चलाने वाले शातिर बदमाश अकील ने बच्चे को पहले स्कूल लाते ले जाते पहले दोस्त बनाया और फिर साजिश रचते हुए उसे तब अपह्रत किया जब वह विवेकानंद कॉलोनी इलाके में ट्यूशन पढ़ने आया था। उसे बातों में उलझाकर अपने साथ ले गया। शिवपुरी की पहली इस तरह की घटना पर कोई समझ पाता कि क्या हुआ। तब तक फिरौती के फोन ने सनसनी फैला दी। तत्समय रहे पुलिस के अधिकारी जिन्होंने इस मामले के आरोपी पकड़ भी लिये थे वे किसी दबाव के चलते छोड़ दिये गए। इधर जब उत्सव की लोकेशन बदमाशों के साथ अटल सागर अमोला पुल के पास मिली तो हमारे कुछ मीडिया के साथियों ने अतिउत्साह में इस लोकेशन की जानकारी अखबार में प्रकाशित कर दी। नतीजे में बदमाशों ने वह खबर पढ़ते ही इस डर से उत्सव को पत्थर से बांधकर प्रहार करते हुए पानी में डुबोकर मार दिया था कि कहीं उत्सव इन लोगों के बारे में किसी को बता न दे। बस यहीं से नगर के लोगों ने पुलिस को ठीक समय पर कार्रवाई न करने और हाथ आये आरोपियों को छोड़ देने का दोषी मानते हुए शिवपुरी की सड़कों पर वो कोहराम मचाया की कई पुलिस अधिकारी यहां से विदा कर दिये गए। बाद में पुलिस के हाथ इस अपहरण कांड के दो आरोपी  अकील खान  पुत्र वकील खां और फिरोज पुत्र बाबू खां तो हाथ लग गए, जिन्हें 
आजीवन करावास व अर्थदंड की सजा सुनाई गई थी। लेकिन तीसरा अहम हत्यारा शाकिर खान आज 9 साल बाद भी खुले आकाश के नीचे कहीं घूम रहा है। उच्च स्तर तक जब उत्सव के परिजनों ने गुहार लगाई तब फरार शाकिर पर 25000 का इनाम भी घोषित किया गया था वाबजूद इसके अब तक शाकिर पकड़ा नहीं जा सका है। जबकि उसके पिता परिवार की पुलिस को जानकारी है! उत्सव के चाचा व्यवसायी भूपेंद्र गोयल कहते हैं कि आखिर हम कैसे उत्सव को श्रद्धांजलि दें ? कैसे उत्सव की आत्मा को शांति मिले जब तक मुख्य आरोपी 9 साल से फरार है। भूपेंद्र गोयल ने आईजी अनिल शर्मा, एसपी राजेश सिंह चन्देल से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द शाकिर को पकड़कर सजा दिलवाएं जिससे उत्सव को सही अर्थों में श्रद्धा सुमन अर्पित किये जा सकें। 

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