अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित में खुश रहने वाले लोग अधिक समय तक जीवित रहते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम होती हैं: विनय शर्मा
* हर हाल में खुश रहना जरूरी है अगर ये सिखना है तो बड़ोदी स्थित आदिवासी परिवारों से एक बार मिले हर हाल में अपने आप को खुश रखते है: श्रीमती प्रियंका शर्मा समाज सेविका
शिवपुरी। जैसा कि हम एक साथ वैश्विक संकट का सामना कर रहे हैं, यह शांत रहने, बुद्धिमान रहने और दयालु होने का समय है। अयोग्य अधिकार हैप्पीनेस का पीछा। यह ठीक ही कहा गया है कि खुशी की प्रतिक्रिया है जब आप किसी को एक उपहार देते हैं जो वे हमेशा चाहते हैं। एक दिन है जो लोगों को जीवन में खुशी के महत्व को पहचानने के लिए मनाया जाता है। आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय खुशी के दिन के रूप में जाना जाता है। यह दुनिया भर में 20 मार्च को खुशियां फैलाने और लोगों को यह समझने के लिए मनाया जाता है कि खुशी सबसे अच्छे उपहारों में से एक है जो आप दे सकते हैं अगर आपको सच में खुश कैसे हो सकते है तो आप एक बार आदिवासी कॉलोनी बड़ोदी आकार देखे वहा सिर्फ झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं से आज प्रोग्राम की मुख्य अतिथि श्रीमति प्रियंका शर्मा एवम उनकी टीम मिली तो देखा की हम इनको खुश कैसे रहना है ये शिखाने आए थे लेकिन हम खुश रहने का आज मंत्र इनसे लेकर जा रहे है की हर हाल में अपने आप को खुश रखना है तो एक बार आकार देखे की कैसे आदिवासी परिवार खुश रहता है। प्रोग्राम का आयोजन शक्ति शाली महिला संगठन एवम शास्वत फिलिंग स्टेशन शिवपुरी ने संयुक्त रूप से किया इसमें संचालक विनय शर्मा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतराष्ट्रीय हैपीनेस डे 20 मार्च को पूरी दुनिया में मनाया जाता है जो कहता है कि जब हम एक साथ होते हैं तो जीवन खुशहाल होता है और हर कोई खुश रहना चाहता है। यह आने वाला दिन है। आगे और आम मानवता का जश्न मनाएं। दूसरों की खुशी के लिए काम करें और लोगों को खुश करने के तरीकों का पता लगाएं। यह तब संभव है जब हम एक साथ होंगे और लक्ष्य आम होंगे। हैप्पीनेस जिसका उद्देश्य यह है कि हम जो कुछ भी साझा करते हैं, उस पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय। जैसा कि आजकल प्रवास बढ़ रहा है, विभिन्न देशों और पृष्ठभूमि के लोग कंधे से कंधा मिलाकर रह रहे हैं। जो लोग खुश रहते है वो बीमार भी कम पड़ते है। प्रोग्राम में रवि गोयल ने कहा कि कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, मानव कल्याण की कुंजी मजबूत सामाजिक संबंध और उद्देश्य की भावना है। यह उन चीजों में शामिल है जो मानवता के ‘अधिक अच्छे’ के लिए हैं। कुछ का मानना है कि एक सकारात्मक मानसिकता भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमारी भलाई की 90 प्रतिशत भावनाओं के लिए जिम्मेदार है। दूसरों की मदद करने के लिए, समुदाय या समुदाय को बेहतर बनाने के लिए एक साथ काम करने के लिए जो नियमित पूजा जैसी सांप्रदायिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
यह भी कहा जाता है कि खुश रहने वाले लोग अधिक समय तक जीवित रहते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम होती हैं। खुश लोगों को उच्च रक्तचाप और दिल की समस्याओं के साथ समस्या का सामना नहीं करना पड़ता । इसलिए, अंतर्राष्ट्रीय खुशी का दिन आपका और अन्य खुशियों को महत्व देने और लोगों को खुश करने का दिन है। जीवन में खुशी के महत्व को महसूस करें और इसके लिए काम करें। प्रोग्राम में बड़ोदी की सुपोषण सखी बिमला जाटव, कमला जाटव , ज्योति जाटव , रानी जाटव, भूरी जाटव एवम समुदाय की आधा सैकड़ा महिलाओं को एक एक बेड शीट उपहार में दी और कहा आपसे आज हम हर हाल में खुश रहना सीख कर जा रहे है । आप सदा ऐसे ही खुश रहे।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें