शिवपुरी। शहर के हृदय स्थल माधव चौक के समीप महेंद्र कुमार गोयल पुत्र रामजीदास गोयल के बीआर टावर का मामला एक बार फिर सुर्खियां बन गया है। 29 मार्च 2022 को शहर के नामी-गिरामी वरिष्ठ एडवोकेट विजय तिवारी ने नगर पालिका शिवपुरी के प्रशासक कलेक्टर अक्षय सिंह एवम सीएमओ शैलेश अवस्थी को एक वैधानिक पत्र जारी कर दिया है, इसकी प्रति सरकार के मुख्य सचिव को भी भेज दी है। धारा 319 का जो रजिस्टर्ड सूचना पत्र थमाया है उसमें लिखा है कि शहर के माधव चौक स्थित शिवपुरी होटल के सामने बने महेंद्र कुमार गोयल पुत्र रामजीदास गोयल के विरुद्ध आवासीय भवन स्वीकृति के स्थान पर बहुमंजिला व्यावसायिक भवन निर्माण करने का प्रकरण नगर पालिका शिवपुरी द्वारा संस्थित किया था। 2 फरवरी 2015 द्वारा भवन स्वामी को 7 दिन में 6,286836 रुपए अर्थदंड की राशि नगरपालिका में जमा करनी थी अन्यथा बीआर टावर नामक अवैध व्यापार भवन को गिराने के संबंध में सूचना पत्र प्रेषित किया था। उक्त सूचना पत्र के विरुद्ध बीआर टावर के भवन स्वामी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के समक्ष रिट पिटिशन प्रस्तुत की थी जिसमें न्यायालय ने 25 मार्च 2015 को इस निर्देश के साथ उसे निरस्त कर दिया था कि महेंद्र गोयल को परिषद की अपील समिति के समक्ष अपनी आपत्ति प्रस्तुत करनी चाहिए तथा नगर पालिका परिषद की अपील समिति द्वारा उक्त विवाद का निराकरण किया जाएगा। साथ ही माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के 4 माह व्यतीत होने के बाद भी जब नगर पालिका शिवपुरी द्वारा अपील समिति का गठन नहीं किया गया तो एडवोकेट तिवारी ने 20 जुलाई 2015 को एक सूचना पत्र जारी किया था। जिसमें उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अपील समिति की बैठक आहूत कर जनसामान्य के विभिन्न प्रखंडों एवं विवाद का निराकरण करने की बात कही थी। सूचना पत्र को लेकर अपील समिति की बैठक आयोजित की गई और 7 अक्टूबर 2015 को आदेश पारित कर पूर्व में अधिरोपित दंड राशि को 15251247 रुपए कंपाउंड राशि कर दी थी। लेकिन अपील समितिके विरुद्ध टावर के भवन स्वामी महेंद्र गोयल ने मध्य प्रदेश शासन के समक्ष अपील प्रस्तुत की थी लेकिन मध्य प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने 20 फरवरी 2017 को उसे निरस्त कर दिया था और यह आदेश दिया था कि महेंद्र कुमार गोयल द्वारा बीआर टावर नामक बहुमंजिला व्यावसायिक भवन में किए गए अपराधीकृत निर्माण के विरुद्ध शिवपुरी नगर पालिका एक्ट के तहत न्यायोचित कार्रवाई करें। उक्त भवन निर्माता महेंद्र कुमार गोयल राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से पहुंच वाले व्यक्ति हैं इस कारण उनके भवन के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। एडवोकेट तिवारी ने लिखा है किप्रमुख सचिव का आदेश अंतिम आदेश की श्रेणी में आता है उसे पारित होने के 5 वर्ष व्यतीत होने के बावजूद भी शासन के विभाग के वरिष्ठ एवं अधिकारी के निर्देशों का अनुपालन नहीं कराया जा रहा है। नगरीय प्रशासन विभाग के राज्य के वरिष्ठ अधिकारी के आदेश की अवहेलना का इससे अच्छा उदाहरण दूसरा कोई नहीं हो सकता। एडवोकेट तिवारी ने लिखा है कि प्रमुख सचिव के आदेश को 5 वर्ष बीतने के बाद भी पालन न कराना गंभीर वैधानिक लापरवाही है, इसलिये बीआर टॉवर के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु एक सूचना पत्र की प्रति प्रमुख सचिव नगरीय विभाग बल्लभ भवन भोपाल भी भेजी जा रही है। एडवोकेट तिवारी ने साफ लिखा है कि तत्काल प्रभाव से वैधानिक सूचना पत्र प्रेषित कर सूचित गण से अपेक्षा है कि वे शहर के हृदय स्थल माधव चौक के समीप बने हुए बहुमंजिला व्यवसायिक स्थल बीआर टावर के विरुद्ध तत्काल दंडात्मक कार्रवाई प्रारंभ करें अन्यथा की दशा में जनहित से जुड़े इस मुद्दे को लेकर एडवोकेट तिवारी माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष दावा प्रस्तुत करने के लिए बाध्य होंगे जिसके सभी हर्जे और खर्चे की जवाबदेही सुचितगन की होगी। एडवोकेट विजय तिवारी ने 29 मार्च 2022 को यह पत्र नगर पालिका शिवपुरी और कलेक्टर बनाम जिला प्रशासन नगर पालिका को सौंपा है जिसे लेकर खलबली मच गई है।
यह है मामला
बता दें कि उक्त मामले में जो बिंदु सामने आए उसके अनुसार आवासीय भवन के स्थान पर वाणिज्य भवन का निर्माण किया गया है।
भूतल पर बैंक ऑफ इंडिया का कार्यालय है स्थल पर 55 बाई 67 फीट पर बिना स्वीकृति के तलकर का निर्माण किया गया है।
मार्ग मध्य से 60 फीट की दूरी छोड़कर निर्माण किया गया जबकि निर्धारित मार्ग मध्य से 100 फीट दूरी होनी थी स्थल पर संपूर्ण भूखंड पर निर्माण किया गया जबकि स्वीकृति मानचित्र अनुसार 40% को खुला छोड़ना चाहिए था। साथ ही मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम क्षेत्र में निहित प्रावधानों के अंतर्गत तलघर आवासीय प्रयोजन के लिए नहीं है। क्षेत्र के नियम के प्रावधानों के अनुसार तलघर का उपयोग पार्किंग गतिविधियों हेतु किया जा सकता है यदि भूखंड का चेत्रफल 1 हेक्टेयर से कम ना हो और भवन अलग हो। साथ ही तलघर में प्रवेश और निकास के लिए रैंप की व्यवस्था की जाना अनिवार्य है बशर्ते उसमें तलकर का उपयोग पार्किंग के लिए किया जा रहा हो लेकिन यहां तलघर की जो निर्धारित ऊंचाई होना चाहिए उससे अधिक ऊंचा तलघर बनाया गया है। एडवोकेट तिवारी ने बताया कि शिवपुरी विकास योजना 2001 के अनुसार उक्त भूमि का उपयोग वाणिज्यिक है तथा विकास योजना में आगरा मुंबई राज्य मार्ग की चौड़ाई 20.5 मीटर प्रस्तावित की गई है। आवेदक द्वारा राजमार्ग की भूमि पर कोई निर्माण नहीं किया गया लेकिन एडवोकेट तिवारी के अनुसार महेंद्र कुमार गोयल ने नगर पालिका द्वारा स्वीकृत भवन मानचित्र के विपरीत संपूर्ण भूखंड पर निर्माण किया है जबकि कुल भूखंड का 40% भाग खुला छोड़ना था।
पहले टूटने के बन गए थे आसान
बता दें कि साल 2015 में जब यह मामला तूल पकड़ा था तो बीआर टावर किसी भी पल टूटने के आसार नजर आने लगे थे। शहर के लोग 24 घंटे टॉवर की निगरानी कर रहे थे कि बीआर टॉवल पर कभी भी हितेची चल सकती है लेकिन बाद में जुर्माना हुआ और कोर्ट से लेकर शासन स्तर तक की अपील के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया हालांकि न्यायालय ने नगरपालिका के ऊपर विषय को छोड़ा था जबकि महेंद्र गोयल की शासन के समक्ष की गई अपील भी निरस्त कर दी गई थी तब से यह मामला एडवोकेट तिवारी के अनुसार ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है और नगर पालिका के अधिकारी जानते हुए भी धन बाहुबल के सामने घुटने टेके हुए हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि जल्दी ही बीआर टावर पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो वह न्यायालय की शरण में जाने से नहीं रुकेंगे।

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