शिवपुरी। महिला बाल विकास ने शुक्रवार को टिक्की वाले पिता की अनाथ हुई 4 में से 2 बेटियों को एक साल तक प्रतिमाह 2-2 हजार राशि देने का एलान कर दिया। इसके लिये समाज के कुछ सजग जन आगे आये हैं। जिन्होंने राशि इक्कठा करके जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल के सुपुर्द कर दी है।
हरिओम अग्रवाल ने जुटाये 28000
नगर के दवा व्यवसाई हरिओम अग्रवाल ने खुद 3100 राशि का मन बनाया और अपनी मॉर्निंग वॉक टीम को जब इस बात की जानकारी दी तब व्यवसाई दोस्तों ने उनकी बात पर सहयोग राशि दी। जिनमें राजेन्द्र अग्रवाल 3100, सुरेश अग्रवाल 3100, डॉक्टर ए एल शर्मा 3100, दुर्गाप्रसाद गुप्ता 3100, रामशरण अग्रवाल 3100, डॉक्टर सीपी गोयल 3100, तिरलोकी कंसाना 3100, श्याम सिंघल 1100, गोपाल अग्रवाल 2100 इस तरह 28000 राशि आज महिला बाल विकास अधिकारी के सुपुर्द की है। जिससे 2 बेटियों को साल भर प्रतिमाह 2 हजार मिलेंगे।
इसी तरह जब धमाका सम्पादक विपिन शुक्ला ने 2100 राशि देने का मन बनाया तो प्रेरित होकर नगर के व्यवसाई दिनेश गुप्ता पुत्र स्वर्गीय सांवलदास गुप्ता मोहन मेडिकल ने 5100, सर कलेक्शन के संचालक शैलेन्द्र गुप्ता ने 2100, खनियाधाना के युवा पत्रकार आनंद जैन ने 2000, लाइंस क्लब के सौरभ सांखला ने 500 रुपये जुटाए हैं। यह 11800 राशि आज महिला बाल विकास अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल जी कोपत्रकार विपिन शुक्ला ने भेंट की। इस तरह यह 2 बेटियों के लिये एक साल की व्यवस्था हुई। हालांकि कुछ राशि कम है वह और जुटाई जानी है।
आप भी आइये आगे
ऐसे बढ़े मदद के हाथ
इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता। हाथ से हाथ जुड़े तो दर्द साझा हो गया। शायद यही हुआ है टिक्की वाले पिता की मौत के बाद माता पिता दोनों को खो चुकी उन 4 बेटियों के साथ। अचानक पिता चल बसे और सहारा छिन गया।
जब ये अस्पताल में रो रही थीं तभी मदद की पुकार उठी। फेसबुक पर साझा किये गए इनके दर्द को जब नगर के एक सजग और इंसानियत के वंदे ने देखा तो बात सार्वजनिक हुई। धमाका को भी पता लगा तो इन बेटियों के बारे में लोगों से मदद की गुहार लगाती खबर प्रकाशित की। देखते देखते लोग आगे आये और कुछ राशि संग्रहित हुई।
जब ये अस्पताल में रो रही थीं तभी मदद की पुकार उठी। फेसबुक पर साझा किये गए इनके दर्द को जब नगर के एक सजग और इंसानियत के वंदे ने देखा तो बात सार्वजनिक हुई। धमाका को भी पता लगा तो इन बेटियों के बारे में लोगों से मदद की गुहार लगाती खबर प्रकाशित की। देखते देखते लोग आगे आये और कुछ राशि संग्रहित हुई।
कलेक्टर अक्षय व एसडीएम ने भी बढ़ाये कदम
कलेक्टर अक्षय सिंह व एसडीएम गणेश जायसवाल ने भी महिला बाल विकास अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल के साथ मिलकर बच्चों की शासकीय योजना से और शिक्षा आदि की मदद के पुख्ता इंतजाम करवाये हैं।
एक सख्स ऐसा भी पर्दा न उठे
इस पूरे एपिसोड में एक दोस्त हमारे ऐसे भी हैं जो खुद 2 बेटियों के पिता हैं। खुद हमारी उनसे बनती भी बहुत है। लेकिन उस मित्र को मदद की आदत इस कदर है कि वह एक हाथ से मदद करते हुए दूसरे बात को खबर तक नहीं होने देते। इस मामले में भी बहुत कुछ मदद उन्हीं के प्रेरणा से सम्भव हुई है। कभी मान गए वो तो नाम सार्वजिनक करेंगे।

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