शिवपुरी में डीलिस्टिंग को लेकर में निकली महारैली तात्या टोपे मैदान मे गरजे जनजाति
- 43 डिसे तापमान में नृत्य करते हुए जिले भर के 8 हजार से अधिक लोग शामिल हुए
- धर्म परिवर्तन कर लेने के बाद अा रक्षण का लाभ नहीं देने पर हुए एक जुट
- हजारों की संख्या मे महिलाएं भी आईं
शिवपुरी। नगर में 15 मई 2022 डीलिस्टिंग को लेकर ऐतिहासिक महारैली का आयोजन किया गया। 43 डिग्री सेल्सियस के तापमान में आदिवासी अंचल के भाई-बहनों ने अपने अधिकार और धर्मांतरण को लेकर एकजुटता से यह रैली निकाली। इसमें 8 हजार से अधिक संख्या में लोग शामिल हुए। आंदोलन से जुड़े हुए पदाधिकारी और अंचल के आदिवासी नेता बड़ी संख्या में शामिल हुए। शहर के प्रमुख मार्गों पर महारैली के स्वागत के लिए समाज जनों एवं शहर वासियों ने विशेष इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह पानी, शीतल पेय का इंतजाम किया गया था। आदिवासी संगीत के साथ इस महारैली में शामिल हुए। इसके माध्यम से डीलिस्टिंग विषय को बहुत बड़ी ताकत से रखा गया। साथ ही इस विषय पर समाज कितना गंभीर है, वह भी दर्शाया गया। डीलिस्टिंग को लेकर एक बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा है। डीलिस्टिंग से तात्पर्य है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग जिनका धर्म परिवर्तन कतिपय विधर्मी लोग लालच देकर या अन्य प्रलोभन से करते हैं। ऐसे लोग जो ईसाई या मुस्लिम धर्म अपना लेते हैं और फिर भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण का लाभ लेते हैं। ऐसे लोगों को डीलिस्टिंग किया जाए इससे वे आरक्षण से दूर हो सके। साथ ही जो योग्य और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग हैं। उनके आरक्षण के हक का नुकसान नहीं हो। इसलिए यह एक बहुत बड़ा आंदोलन चलाया जा रहा है। इसी के चलते यह महा रैली निकाली गई। इसके पूर्व यहां मंचीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।10% धर्मांतरित व्यक्तियों ने 80% आरक्षण व सुविधाओं का लाभ उठाया
मुख्य वक्ता श्रीमति सेवन्ती बाई भगत जो की दतिया जिले की जनजाति मोर्चे की अध्यक्ष हैं ने कहा कि यह आंदोलन 50 वर्ष पूर्व डॉक्टर कार्तिक उरांव द्वारा चलाया गया था। जनजाति समाज से अपनी रीति रिवाज परंपराएं छोड़ चुके है।, ऐसे व्यक्तियों को जनजाति सूची से बाहर करना है। ऐसा कानून संसद में बनाने के लिए प्रयास किया गया। पंचायत से लेकर संसद तक इस अभियान को चलाया जाएगा। यह आंदोलन उन लोगों के खिलाफ है जो हमारी आस्था, परंपरा, रीति रिवाज, संस्कृति का त्याग कर चुके है। ऐसे लोगों ने हमारे आरक्षण का, हमारी सुविधाओं का लाभ उठाया है। आरक्षण का लाभ अब इन लोगों को नहीं लेने देगें। 10% धर्मांतरित व्यक्तियों ने 80% आरक्षण व सुविधाओं का लाभ उठाया है। जो वास्तव में जनजाति समाज का हक था। ये 74 वर्षों से चल रहा है। अब नहीं चलेगा।
-इस मौके पर अन्य वक्ता जनजातीय संत श्री मनीराम जी महाराज कोलारस एवं प्रदेश अधिकारी तिलकराज दांगी मौजूद थे। मंच पर जनजातीय कथाकार रमादेवी , विधायक वीरेंद्र रघुवंशी कोलारस , कल्लू सहरिया अशोक सहरिया,दामोदर सहरिया,महिला सरपंच मंच पर मौजूद थे। इस मौके पर प्रस्तावना विनोद कन्हुआ सुरक्षा मंच के जिला संयोजक ने कहा कि आज का समय अनुसूचित जनजाति के लोगों की रक्षा का समय है सुरक्षा मंच का उद्देश्य है, वह पूरा करने के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा साडे 300 ग्रामों में घर घर जाकर इस महारैली में आने का निमंत्रण दिया दो लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया हमको अनुसूचित जनजाति के सूची से नाम की लिस्ट इन करो और जो लोग धर्म छोड़कर चले गए उनको आरक्षण नही मिले इसी श्रंखला में विधायक वीरेंद्र रघुवंशी जी ने कहां की अनुसूचित जनजाति की डीलिस्टिंग होना चाहिए जो लोग अनुसूचित जनजाति के धर्म को छोड़कर अन्य धर्म अपनाने लगे हैं उनको अनुसूचित जनजाति से बाहर किया जाए एवं उनको किसी भी प्रकार का आरक्षण और सुविधाएं नहीं दी जाये एवं कार्यक्रम का शुभारंभ मां शबरी, और भगवान बिरसा मुंडा एवं बाबा कार्तिक उरांव के चित्र पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण किया गया।
नगर के प्रमुख मार्गों से तात्या टोपे मैदान से प्रारंभ होकर होकर राजेश्वरी रोड गुरुद्वारा चौराहा से माधव चौक चौराहा से कोर्ट रोड होते हुए पोलो ग्राउंड कलेक्ट्रेट के सामने महारैली निकली का समापन हुआ जगह-जगह स्वागत एवं जलपान की व्यवस्था हुई इस महारैली के माध्यम से धर्मांतरण पर रोक लगाने के साथ-साथ जिनका धर्मांतरण हो चुका है और अपनी मूल संस्कृति को छोड़कर अनुसूचित जनजाति समुदाय के आरक्षण सहित अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं, उनके खिलाफ डीलिस्टिंग का यह आंदोलन जिले में हुआ है आभार महेश आदिवासी ने किया
-जिले भर से बसों तथा सेकड़ों वाहनों से लोग पहुंचे।
- कई स्थानों से आदिवासी अंचल के 8 हजार से अधिक भाइयों ,बहिनो ने महा रैली में भाग लिया।
और समस्त कार्यकर्ता शिवपुरी जिले के सम्मिलित हुए।

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