ये बोले उन्हें बेहतर जानने वाले
बहुत दुःखद ,हृदय को गहराई तक बिचलित करने बाला समाचार मिला कि अभिन्न मित्र शीतल चन्द्र जैन ने नश्वर देह त्याग दिया ।उनका सदैव मुस्कराता चेहरा आंखों के सामने से हटता ही नही है ।प्रत्येक की निस्वार्थ सहायता करना उनके स्वभाव का आवश्यक अंग था ।हर सामाजिक कार्य में पूर्ण सक्रियता से भाग लेते थे थे।मेरी सन 1978 से मित्रता रही ।आज मन बहुत दुखी है ।ऐसा लग रहा है जैसे जीवन के लिए बहुत आवश्यक कुछ खो दिया।परमात्मा उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें और शेष परिवार जन को इस असह्य दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि। अशोक पांडेय नागपुर।

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