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धमाका बड़ी खबर: सहकार ही आत्मनिर्भर भारत का बेहतरीन उदाहरण, 'एक बोरी यूरिया की ताकत एक बोतल में मिलेगी': पीएम मोदी

शनिवार, 28 मई 2022

/ by Vipin Shukla Mama
गांधीनगर। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए गांवों का आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है। सहकार गांवों के स्वावलंबन का भी बहुत बड़ा माध्यम है। यह बात दो दिन के गुजरात दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इफको के कलोल स्थित नैनो यूरिया (तरल) प्लांट का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने शनिवार को गांधीनगर में इफको नैनो यूरिया (तरल) (IFFCO Nano Urea) प्लांट का उद्घाटन किया। इफको नैना यूरिया (तरल) प्लांट को लेकर पीएम ने कहा कि आज आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश के पहले नैनो यूरिया लिक्विड प्लांट का उद्घाटन करते हुए मैं विशेष आनंद की अनुभूति कर रहा हूं। उन्होंने कहा एक बोरी यूरिया की ताकत अब एक बोतल में समा गई है। नैनो यूरिया की करीब आधा लीटर बोतल, किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी। 7-8 साल पहले तक हमारे यहां ज्यादातर यूरिया खेत में जाने के बजाए, कालाबाजारी का शिकार हो जाता था और किसान अपनी जरूरत के लिए लाठियां खाने को मजबूर होता था। कई बड़ी फैक्ट्रियां तकनीक के अभाव में बंद हो गई। सरकार में आने के बाद हमने यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग का काम किया। इससे देश के हर किसान को पर्याप्त मात्रा में यूरिया मिलना सुनिश्चित हो सका। पीएम मोदी ने बताया कि भारत विदेशों से जो यूरिया मंगाता है उसमें यूरिया का 50 किलो का एक बैग 3,500 रुपये का पड़ता है लेकिन देश के किसान को वही यूरिया का बैग सिर्फ 300 रुपये बैग मिलता है। हर बैग पर सरकार 3,200 रुपये का भार वहन करती है। पीएम ने कहा कि देश के किसान को दिक्कत न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल फर्टिलाइजर में 1.60 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। इसके अलावा किसानों को मिलने वाली राहत इस साल दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने वाली है। आत्मनिर्भर भारत की मुहिम का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सहकार आत्मनिर्भरता का बेहतरीन मॉडल है। उन्होंने कहा कि देश के किसान के हित में जो भी जरूरी होगा सरकार करती रहेगी। 

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