शिवपुरी। किसी भी काम को करने की मंशा होना चाहिए। साथ ही इरादा बुलंद होना चाहिए। शायद नगर पालिका के अधिकारी यह बात समझ नहीं पाए जबकि एसडीएम गणेश जायसवाल इन्हीं इरादों के पक्के हैं, यही वजह है कि बीते दिन मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया को जब नगर में पेयजल संकट के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने सबसे पहले 4 जोन बनाने के निर्देश दिए थे बावजूद इसके जब दूसरे दौरे पर आई तो कई इलाकों में पानी न पहुंचने की शिकायत मिली जिसके चलते उन्होंने कलेक्टर अक्षय सिंह को निर्देश दिए कि 10 दिन के अंदर युद्ध स्तर पर अधिकारी मैदान में उतरे और जाकर देखें की जनता को कैसे पानी मिल सकता है। हर हाल में आमजन को पानी मिलना चाहिए। यही कारण है कि एसडीएम जायसवाल को कमान दे दी गई है। जिन्होंने बीते रोज जनप्रतिनिधियों के साथ एडीएम गणेश जायसवाल ने फिजिकल और फतेहपुर इलाके का दौरा किया था वहां जो कमियां पाई गई थी उन पर शाम को ही अमल शुरू कर दिया गया। नतीजे में कमलागंज के चिलोद क्षेत्र में पानी न पहुंचने पर लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है जबकि फिजिकल पर एक जगह पानी अनावश्यकबह रहा था, लोग बोर पर नहाते नजर आए। उसे बंद कराया जा रहा है। इसके अलावा नाली का निर्माण शुरू कर दिया गया है। यही नहीं साफ सफाई को लेकर भी कठोर कदम उठाना शुरू कर दिए गए हैं। यह बात सही है कि नगरपालिका की नाकामी के चलते एसडीएम जायसवाल के हाथ कमान दी गई है जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि शहर की सूरत बदलेगी।
यह काम हुए शुरू
हम भी करें सहयोग तो बदलें सूरत
जिला प्रशासन की नगर के लोगों से यह भी अपील है कि उनको सहयोग प्रदान करें। कचरा गाड़ी में ही कचरा डालने तक कचरा घर के डस्टबिन में रखे जिससे घर के बाहर कचरा ना आए या फिर रोज आने वाले सफाई कर्मियों को अपना कचरा दें। इधर बाजार से भी जितना हो सके को कचरे के तौर पर थैली घर लेकर न आएं और कपड़े के थैले के साथ-साथ कागज की थैलियों का इस्तेमाल शुरू कर दें। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने आप में सुधार लाएं जिससे नगर पालिका के प्रयासों को भी मेहता योगदान मिल सके। अब तक देखने में आ रहा है कि हम नगरपालिका को कोसते रहते हैं लेकिन अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं करते। कहीं भी कुछ खाया और फेंक दिया तो हमें भी सुधरना चाहिए।
इंदौर से सीखिये
आपको जानकर हैरानी होगी कि इंदौर के लोग खुद सजग रहते हैं वह नगर पालिका कर्मियों की लापरवाही भी बर्दाश्त नहीं करते जबकि आमजन आपस में भी कोई लापरवाही करता है और कचरा फैलाता है तो लड़ाई के हालात बन जाते हैं या फिर उनकी शिकायत करके भारी जुर्माना कराया जाता है। यदि हम ठान लेंगे और एक दूसरे को रोकना टोकना शुरू कर देंगे तो वह दिन दूर नहीं जब नगर शिवपुरी साफ और स्वच्छ नजर आने लगेगा।

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