दिल्ली। GST लगाने को लेकर केंद्र सरकार आमजन के निशाने पर है की इसी बीच रेलवे टिकट पर बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को बहाल करने से मना कर सरकार ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है। सरकार का साफ कहना है कि इस वजह से 2018-19 में 1636 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। सरकार ने रेल टिकट के दाम पहले ही काफी कम कर दिए हैं, ऐसे में और ज्यादा छूट की जरूरत नहीं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद को सूचित किया कि यात्रियों को रियायतें देने से रेलवे पर ‘भारी बोझ’ पड़ता है। उन्होंने सभी श्रेणियों में यह सुविधा बहाल करने से इनकार कर दिया है। महिला वरिष्ठ नागरिकों को सभी श्रेणी के रेल किराये में 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, जबकि पुरुषों और समलैंगिकों के मामले में यह रियायत 40 प्रतिशत थी। किसी महिला के लिए रियायत का लाभ उठाने की न्यूनतम आयु सीमा 58 साल, जबकि पुरुषों के लिए 60 वर्ष थी। जो अब सरकार नहीं देगी।
इसे लेकर बवाल मच गया हैं।
राहुल ने की गर्म तवे पर चोट
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि विज्ञापनों का ख़र्च: ₹911 Cr नया हवाई जहाज़: ₹8,400 Cr पूंजीपति मित्रों के टैक्स में छूट: ₹1,45,000 Cr/साल लेकिन सरकार के पास बुज़ुर्गों को रेल टिकट में छूट देने के लिए ₹1500 करोड़ नहीं हैं। मित्रों के लिए तारे तक तोड़ कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। ट्वीट कर उन्होंने सरकार की इस नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
किराये में वरिष्ठ नागरिकों को छूट खत्म करने पर नाराज वरुण गांधी, कहा- फैसला दुर्भाग्यपूर्ण
रेल किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को खत्म किए जाने पर सवाल उठाते हुए वरुण गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल किया। पूछा कि एक ओर जहां सांसदों को रेल किराये में रियायत मिल रही है, वहीं बुजुर्गों को दी जाने वाली इस छूट को ‘बोझ’ के तौर पर क्यों देखा जा रहा है। वरुण गांधी ने विमानों की आपात लैंडिंग पर भी सरकार की नीति को निशाने पर लिया। वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत खत्म करने के रेल मंत्रालय के फैसले को वरुण गांधी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अपने ही लोगों को उनके जीवन के इस मोड़ पर अकेला छोड़ देने का फैसला असंवेदनशील है।

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