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धमाका ग्रेट: दो साल की मासूम सुनैना आदिवासी को जन्म से मोतियाबिंद, मिली सरकारी मदद तो ऑपरेशन कराने रवाना

गुरुवार, 21 जुलाई 2022

/ by Vipin Shukla Mama
एलआरबीएसके योजना अंतर्गत होगी सर्जरी, 15 मिनिट में स्वीकृत हुए 40 हजार रू
-डीईआईसी और एनआरसी के प्रयास हुए सफल
शिवपुरी 21 जुलाई 2022। शिवपुरी जिले के करैरा विकासखण्ड में ग्राम लंगूरी  निवासी दो वर्षीय मासूम आदिवासी बालिका सुनैना जहां एक ओर गंभीर कुपोषण से जंग लड रही है वहीं दूसरी ओर आंखों में जन्मजात मोतियाबिन्द होने से उसे ठीक से देख पाना भी दूभर होता जा रहा है, लेकिन जिला अस्पताल में संचालित डीईआईसी,  एनआरसी करैरा और महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से वह न केवल आंखों से ठीक प्रकार से देख सकेगी बल्कि कुपोषण से जंग जीत कर खुशहाल जिंदगी भी जी सकेगी।
उल्लेखनीय है कि करैरा के ग्राम लंगूरी निवासी हरनाम आदिवासी के घर दो वर्ष पूर्व लाडो ने जन्म लिया जिसका माता पिता ने प्यार से नाम सुनैना रखा, लेकिन कुछ समय बाद बच्ची की गतिबिधयों से परिजनों को पता चला वह देख नही सकती है। यह खबर लगते ही न केवल परिजन बल्कि पूरी बस्ती में दुख छा गया । धीरे-धीरे समय बीता और बच्ची कुपोषण की चपेट में भी आ गई। उसके बाद राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत आंगनवाडी केन्द्र पर पहुंची मोबाइल हेल्थटीम ने बच्ची को कुपोषण और जन्मजात मोतियां बिन्द के उपचार हेतु चिन्हाकित किया। बस उसके बाद से डीईआईसी शिवपुरी में पदस्थ नेत्र सहायक संजय शाक्य बच्ची को उपचार के लिए बुलाने हेतु प्रयास करने लगे । कई बार आंगनबाडी कार्यकर्ता रेखा कुशवाह के माध्यम से संपर्क करने के बाद भी परिजन आने को टालते रहे। इसी बीच जिले में पिछले दिनों दस्तक अभियान की हलचल तेज होने पर आंगनवाडी कार्यकर्ता रेखा कुशवाह ने कुपोषण के उपचार हेतु करैरा एनआरसी में बच्ची को ले जाने के लिए सुनैना के परिजनों ने तैयार कर लिया जहां एनआरसी की पोषक प्रशिक्षक श्रीमती शालिनी कुलश्रेष्ठ ने बच्ची की दयनीय स्थिति देखी चिकित्सकों से परामर्श किया जिस पर चिकित्सकों ने आपरेशन कराने की सलाह दी। जिस पर बच्ची को माता पिता को समझाईश देकर जिला अस्पताल भेज दिया। जहां डीईआईसी द्वारा बच्ची का परीक्षण कराया जाकर हायर सेंटर के रूप में ग्वालियर मेडीकल कालेज रैफर कर दिया गया। सुनैना के माता पिता के साथ के लिए आंगनबाडी कार्यकर्ता रेखा कुशवाह को भी भेजा गया, लेकिन सुनैना के परिजनों के आग्रह पर म.प्र. शासन से अनुबंधित एक निजी चिकित्सालय में उपचार हेतु सूचित किया गया। ग्वालियर जहां परीक्षण उपरांत बच्ची की दोंनों आंखों में जन्मजात मोतियां बिन्द चिन्हाकित करते हुए आपरेशन पर 40 हजार रूपए खर्चा आने का एस्टीमेट प्रदान किया। 
निजी चिकित्सालय द्वारा एस्टीमेट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की आरबीएसके शाखा को भेजा गया। जिस पर महज 15 मिनिट में 40 हजार रूपए की राशि स्वीकृती मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन जैन द्वारा प्रदान कर दी गई। जिससे आदिबासी बालिका सुनैना के आंखों का निशुल्क आरेशन होगा । जिससे अब सुनैना आम बच्चों को तरह ठीक से देख सकेगी और शीघ्र ही एनआरसी में उपचार प्राप्त  कर कुपोषण से भी जंग जीत जाएगी।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर ऋषिश्वर के प्रयास से राह हुई आसन
करैरा के ग्राम लंगुरी की दो बर्षीय आदिवासी बालिका सुनैना पुत्री हरनाम आदिवासी को उपचार के जिला अस्पताल तक एम्बुलेंस से भेज दिया गया, लेकिन जब शिवपुरी से ग्वालियर रैफर किया गया तो रूपया न होने की बात कह कर हरनाम ने इलाज के लिए ग्वालियर जाने से साफ इंकार कर दिया। जब जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ संजय ऋषीश्वर को उक्त बच्ची के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई तो उन्होंने बच्ची के ग्वालियर जाने की राह आसान करते हुए तत्काल आरबीएसके प्रभारी डीईआईएम अखिलेश शर्मा को आवश्यक निर्देश देकर बाहन व्यवस्था करने को कहा और महज 20 मिनिट में एम्बुलेंस की निशुल्क व्यवस्था कर ग्वालियर रबाना कर दिया गया।
पीड़ित सुनैना आदिवासी को परिजनों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ एंबुलेंस से ग्वालियर रबाना करते स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी।










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