Japan Ex PM Shinzo Abe Death जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का शुक्रवार शाम निधन हो गया। आबे आज सुबह जब नारा शहर में भाषण दे रहे थे तभी हमलावर ने पीछे से उन पर दो गोलियां दागीं, जिसके बाद शिंजो आबे जमीन पर गिर पड़े और उनके शरीर से खून बहता दिखाई दिया था। घटना को अंजाम देने वाले संदिग्ध शख्स को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था। हमलावर ने पूर्व पीएम को पीछे से गोली मारी। पुलिस ने उसके पास से बंदूक भी बरामद कर ली थी। इधर अस्पताल में लगातार हालत बिगड़ने से आबे ने कुछ देर पहले दम तोड दिया। पत्रकार बनके आया था पूर्व सैनिक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिंजो आबे को गोली मारने वाला शख्स पत्रकार बनकर कार्यक्रम में पहुंचा था। वह साथ में हैंडगन रखा हुआ था। हमलावर बंदूक को कैमरा की तरह लेकर आया था। द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शिंजो आबे को गोली मारने वाले संदिग्ध आरोपी का नाम तेत्सुया यामागामी है। उसकी उम्र 41 साल है। वह नारा शहर का ही रहने वाला है। पुलिस अभी उससे पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि वह जापान के नेवी का पूर्व सैनिक रहा है। 2005 में वह रिटायर हो गया था।
जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में हत्या का प्रयास करने की बात कबूली है। उसने बताया है कि वह आबे से 'असंतुष्ट' था।
भारत में कल राष्ट्रीय शोक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि शिंजो आबे के प्रति हमारे दिल में गहरा सम्मान है, इसलिए कल भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा।
सोनिया गांधी ने जताया दुख
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या पर दुख जताया। उन्होंनें कहा कि कई वर्षों तक आबे भारत के एक महान मित्र और शुभचिंतक रहे। उन्होंने हमारे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार और गहरा करने के लिए बहुत कुछ किया। मुझे उनके साथ अपनी मुलाकात बहुत ही प्यार और स्पष्ट रूप से याद है। यह एक बहुत बड़ा दुर्भाग्य है जो जापान और वास्तव में पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर पड़ा है। उनकी कमी खलेगी।
राहुल ने आबे की हत्या पर दुख जताया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या पर दुख जताया। राहुल ने भारत-जापान संबंधों को मजबूती देने में उनके योगदान को याद किया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन से दुखी हूं। भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने में उनकी भूमिका सराहनीय थी। वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने पीछे एक मजबूत विरासत छोड़ गए हैं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और जापान की जनता के साथ हैं।

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