शिवपुरी। साल के सबसे बड़े त्योहारों में से एक रक्षा बंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच एक बेहतरीन खबर आई हैं। राखी 11 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 11:57 से 12:50 बजे के बीच भी बांधी जा सकेगी, इस बार राखी का त्योहार 2 दिन मनाया जाएगा। ये कहना है देश के जानेमाने
यद्यपि शुक्रवार को पूर्णिमा सुबह 7:05 बजे तक ही है परन्तु इसका पुण्य काल स्नान दान के लिए मान्य है इसी दिन संस्कृत दिवस भी है इसलिए शुक्रवार 12 अगस्त को पूरे दिन राखी का त्योहार मनाया जा सकता है।
ज्योतिर्विद ब्रजेन्द्र श्रीवास्तव, पूर्व अतिथि प्राध्यापक ज्योतिर्विज्ञान, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर का। उन्होंने बताया कि गुरुवार 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:39 बजे से आरंभ होने के साथ ही भद्रा लग जाती है जो रात 8:52 बजे तक रहेगी। ऐसी स्थिति में भद्रा के रहते हुए भी केवल अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 11:57 से 12:50 बजे के बीच भी राखी बंधन का त्यौहार मनाया जा सकता है क्योंकि मुहूर्त शास्त्र में अभिजीत मुहूर्त सभी दोषों की शांति करने वाला माना गया है। इसी कारण श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास भी इसी अभिजीत मुहूर्त में किया गया था।।इसके बाद गुरुवार को ही प्रदोष काल के आधे भाग के बीतने पर रात्रि 7:39 बजे के बाद से आगे के समय में रक्षाबंधन संपन्न हो सकता है। बहुत से पंचांगों में जैसे ऋषिकेश पंचांग में गुरुवार को भद्रा समाप्ति के बाद रात 8:52 बजे के बाद से रक्षाबंधन लिखा है जो रात्रि में होने से अधिक मान्य नहीं है। ★मुहूर्त चिंतामणि के श्लोक 45 के अनुसार भद्रा वाले दिन अगर मकर का चंद्रमा हो तो इस दिन भद्रा पाताल में होने से इसका पृथ्वी पर दोष नहीं होता है परंतु भद्रा के भय के कारण अधिकतर ज्योतिषी और पंचांगकर्ता इस अपवाद को मान्य नहीं कर पा रहे हैं। ★★दूसरे मत के अनुसार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पंचांग में और श्री लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के पंचांग में शुक्रवार 12 अगस्त 22 को सूर्य उदय व्यापिनी पूर्णिमा में सारे दिन रक्षाबंधन पर्व मनाने का मुहूर्त बताया गया है।
यद्यपि शुक्रवार को पूर्णिमा सुबह 7:05 बजे तक ही है परन्तु इसका पुण्य काल स्नान दान के लिए मान्य है इसी दिन संस्कृत दिवस भी है इसलिए शुक्रवार 12 अगस्त को पूरे दिन राखी का त्योहार मनाया जा सकता है।
★सार यह है कि गुरुवार को यदि रक्षाबंधन मनाना है तो दोपहर 11:57 से 12:50 बजे के बीच और फिर रात्रि 7:39 बजे के बाद से रक्षाबंधन मनाया जा सकता है ★यदि शुक्रवार को रक्षाबंधन मनाना है तो सूर्योदय से लेकर पूरे दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाना शास्त्र सम्मत है।

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