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धमाका एक्सक्लूसिव: शाही अंदाज में किया amit shah अमित शाह ने 4 हजार करोड़ के Jaivilas Palace जयविलास पैलेस में प्रवेश

रविवार, 16 अक्टूबर 2022

/ by Vipin Shukla Mama
Gwalior ग्वालियर। देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक पहचान रखने वाले सिंधिया राज घराने के 4 हजार करोड़ वाले जयविलास पैलेस का नजारा रविवार को देखते ही बन रहा था। शाही घराने के कार्यक्रम, रस्म, रीति रिवाजों का इस पेलेश में समय समय पर दर्शन होता रहा है  लेकिन लंबे अर्से बाद ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री द ग्रेट श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी और उनकी बुआ केबिनेट मंत्री श्रीमंत यशोधराराजे सिंधिया की मां कैलाशबासी विजया राजे सिंधिया के नाम वाले 450 करोड़ के एयर टर्मिनल के शिलान्यास के लिए आए देश के गृह मंत्री अमित शाह काजयविलास में प्रवेश शाही अंदाज में हुआ। ढोल, नगाड़े, कलश और हर वह रस्म इस दौरान अदा की है जो अपने किसी खास मेहमान के लिए सिंधिया राज घराना करता आया हैं। इस पूरे आयोजन की कमान द ग्रेट सिंधिया की धर्मपत्नी महारानी प्रदर्शनी राजे सिंधिया ने संभाल रखी थी। शाह के साथ द ग्रेट सिंधिया, सीएम शिवराज, मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा,
(देखिए इस शाही अंदाज से शाह ने किया प्रवेश)
गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा और युवराज महाआर्यमन सिंधिया चल रहे थे जबकि शाह से खास लोगों का परिचय महारानी कराते हुए आगे चल रही थीं। 
आइए जान लीजिए शाही महल केसा है
सिंधिया राजघराने का शाही महल Jaivilas Palace जयविलास पैलेस करीब 40 एकड़ यानी 12 लाख स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। मराठा राजा श्रीमंत जयाजी राव सिंधिया ने इसे 1874 में बनवाया था। उस दौरान इस महल के निर्माण पर एक करोड़ रुपये का खर्च आया था। अब इसकी कीमत 4 हजार करोड़ रुपए के आस-पास है। इस शाही महल में 400 कमरे हैं।
400 कमरों में से 40 को म्यूजियम में कन्वर्ट किया गया है। 1964 में पैलेस के जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम वाले हिस्से को आम जनता के लिए खोला गया था। बलुआ पत्थर में निर्मित और शानदार सफेद रंग में चित्रित तीन मंजिला महल प्रसिद्ध वास्तुकार लेफ्टिनेंट-कर्नल सर माइकल फिलोस द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसे मुखेल साहिब के नाम से भी जाना जाता है।
संग्रहालय सिंधिया परिवार की शाही गाड़ी सिल्वर बग्गी जैसी विशाल मूल्यवान वस्तुओं से भरा है, जिसे माधो राव सिंधिया के शासन के दौरान 19 वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया था। यह लकड़ी और धातु के फ्रेम पर आधारित है और इस पर 50 किलोग्राम चांदी है। शाही सिल्वर बग्गी को अभी भी महत्वपूर्ण समारोहों में प्रयोग की जाती है जैसे दशहरा पूजा और शाही शादियां जो इसे धार्मिक और शुभ महत्व की वस्तु बनाती हैं।
जयविलास महल के म्यूजियम में दो बड़े झूमर लगे हैं। कहा जाता है कि इन झूमर का वजन 3000 किलोग्राम से ज्यादा है। कहा जाता है कि 10 हाथियों को छत पर चढ़ा कर मजबूती देखी गई थी जिसके बाद इन झूमरों को लटकाया गया था।
जयविलास महल के म्यूजियम में चांदी की रेल भी है, जिसकी पटरी खाने के टेबल पर लगी हैं। स्पेशल गेस्ट के आने पर ये चांदी की ट्रेन खाना परोसती है।


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