शिवपुरी। नगर के देहात थाना इलाके में बीते रोज शक्कर मिल इलाके में एक बुलेट से दो साइकिल सवार बालक टकरा गए। मौके पर परिजन आ पहुंचे तो बुलेट सवार घायल बालक को अस्पताल ले जाने राजी हुए। इस तरह दो बाइक से बालक जिला अस्पताल के लिए निकले लेकिन रास्ते में ही उस बालक की मौत हो गई जो टक्कर मारने वाली बुलेट पर था। यह देखकर बुलेट सवार शिक्षक घबरा गए और बजाय अस्पताल जाने के उन्होंने बालक को रास्ते में ही छोड़कर भागने की सोची। फतेहपुर के रास्ते पर जब दोनों ने बालक को रास्ते में छोड़ने की सोची तभी लोगों की नजर पड़ गई जिन्होंने बालक के पैर बाइक से लटके और नीचे टकराते देखे थे। उन्होंने दोनों के फोटो ले लिए लेकिन शिक्षक उक्त स्थल से बालक के साथ निकल लिए और बाद में उसे जिला अस्पताल छोड़कर खिसक लिए। इधर दुर्घटना स्थल पर जो लोग सिक्षको को जानते थे उन्होंने दोनों की तलाश की। इसी बीच जब फतेहपुर इलाके के लोगों ने बयान दिया की दोनों बालक को फेक्कर भागना चाहते थे और उन्होंने फोटो भी परिजनों तक पहुंचाए तो मामला तूल पकड़ गया और आज परिजनों ने गुना नाके पर चक्काजाम कर डाला। पुलिस से दोनो की गिरफ्तारी की मांग की केस दर्ज करने को कहा। जिसके बाद पुलिस ने शिक्षक धर्मेंद्र रघुवंशी को गिरफ्तार कर लिया। साथी शिक्षक रोमेश गुर्जर की तलाश हैं। दुर्घटना के मामले में चालक पर केस दर्ज होता हैं लेकिन साक्ष्य छुपाने को लेकर साथी शिक्षक पर भी केस दर्ज किया गया हैं। आरोपियों ने घायल को दिए 15 हजार, मृतक की कराई अंत्येष्ठि दिए 5 हजार
जिन सिक्षकों की बुलेट से टक्कर हुई। उनमें से शिक्षक धर्मेंद्र पुलिस के कब्जे में हैं। उसने ग्वालियर भेजे गए घायल बालक के इलाज के लिए 15000 दिए हैं जबकि मृतक की अंत्येषी के लिए 5 हजार दिए गए हैं। इस मामले में पड़ताल के दौरान ये बात भी सामने आई हैं की बालक की मौत हो जाने के बाद अस्पताल में पिटाई के डर के चलते उक्त आरोपी शिक्षकों ने बालक को रास्ते में छोड़कर भागने की चेष्टा की। दोनों नशे में थे। हालाकि इस तरह से बालक को रास्ते में छोड़ने जैसी घृणित हरकत को लेकर परिजनों और नगर के लोगों के मन में खासा गुस्सा हैं और लोग दोनों शिक्षको की निंदा कर रहे हैं। खराब साइकिल कराई ठीक तो चलाने निकल आए थे घर से बालक
लुधावली गौशाला निवासी बबलेश कोली का बेटा रोहित कोली उम्र 14 साल, उसकी खराब पड़ी साइकिल को सुधरवाने की जिद कर रहा था। जिसके बाद उसके पिता बबलेश ने बीते रोज दीपावली के दिन अपने बेटे रोहित को साइकिल रिपेयर करवा कर दी थी। साइकिल ठीक होने की खुशी मनाते हुए रोहित अपनी साइकिल से अपने दोस्त संजय शाक्य के साथ घर से घूमने निकल आया था। जब दोनों दोस्त गुना बाईपास से झांसी रोड पर जाने वाली रोड पर घूम रहे थे तभी तेज रफ्तार बुलेट ने बालको की साइकिल में टक्कर मार दी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाने के फेर में उपरोक्त घटना ने बड़ा रूप ले लिया हैं। इसी टक्कर में रोहित की मौत हो गई और संजय गंभीर रूप से घायल हो गया जिसका इलाज ग्वालियर में चल रहा हैं।
परिजनों का आरोप रोहित की लाश फेंकने की जुगाड में थे आरोपी
आज मंगलवार को जब पोस्टमार्टम हाउस पर रोहित के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए रोहित के पिता बबलेश पहुंचे और परिजन दुर्घटना की पड़ताल में भी जुटे हुए थे। तभी रोहित के परिजनों के हाथ दो फोटोग्राफ लगे, जिसमें रोहित को घायल अवस्था में दो युवक शराब के नशे में बुलेट पर बीच में बिठाकर ले जा रहे थे। जिसके आधार पर दुर्घटना करने वाले बुलेट सवारों की पहचान हुई। परिजन और लोगों के अनुसार दो से तीन जगह रोहित को फेंककर भागने का आरोपियों ने प्रयास किया। जो फोटो हाथ आए उसमें रोमेश गुर्जर बुलेट चला रहा हैं और उसके पीछे धर्मेंद्र रघुवंशी रोहित को पकड़े हुए बैठा हैं। रमेश गुर्जर और धर्मेंद्र रघुवंशी शासकीय शिक्षक है। मृतक बालक के परिजन मुकेश शाक्य ने कहा कि धर्मेंद्र रघुवंशी और उसका साथी रोमेश गुर्जर हादसे के बाद बच्चे को उठाकर अपने साथ फेंकने की फिराक में थे। वह दोनों फतेहपुर रोड ठाकुर बाबा मंदिर के पास लेकर पहुंचे थे। दोनों ने मिलकर बच्चे को दो से तीन जगह फेंककर भागने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों की वजह से ऐसा नहीं कर पाए लोगों ने दोनों के फोटो खींच ली। जिसके बाद धर्मेंद्र और रोमेश रोहित को अस्पताल लेकर पहुंचे तो उसे मृत घोषित कर दिया गया लेकिन वो भाग निकले।
परिजनो ने लगाया जाम
दुर्घटना करने वाले दोनों शिक्षक रमेश गुर्जर और धर्मेंद्र रघुवंशी के फोटो सामने आने के बाद परिजन पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर रहे थे इस दौरान कार्यवाही में जब लेटलतीफी की गई तो परिजन भड़क गए और उनके द्वारा गुना बाईपास पर रोहित के शव को ले जाकर सड़क पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाने की कोशिश की परंतु परिजन सुनने को तैयार नहीं हुए और लगातार कार्यवाही की मांग करते रहे।
इस दौरान गुना बाईपास पर जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दुर्घटना करने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर परिजन जाम हटाने को राजी हुए। देहात थाना प्रभारी विकास यादव का कहना है कि दोनों आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है जिनमें से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है।
तो हम साथ नहीं ले जाते खुद भाग जाते
इधर गिरफ्तार आरोपी का पुलिस के समक्ष कहना हैं की अगर हमारे मन में पाप होता तो हम बालक को अस्पताल लेकर क्यों जाते। घटना स्थल पर हमारे परिचित लोगों के कहने पर ही हम उसको अस्पताल ले जा रहे थे। उसको ठिकाने या फेकने का कोई इरादा नहीं था लेकिन बालक की मौत हुई तो हम अपनी पिटाई की बात सोचकर घबरा गए और तभी अस्पताल जाने में रास्ते में देर हुई। अगर हम गलत होते तो टक्कर के बाद मौके पर रुकने की बजाए फरार होते न की रुकते। हालाकि पुलिस अपना काम कर रही हैं।

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