शिवपुरी। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है। इसी को लेकर शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा ग्राम सुरवाया में शाली त्यागी किशोरी बालिकाओं के साथ वर्कशॉप अयोजीत की। अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि क्योंकि इस दिन को भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के रूप में मनाते हैं। जीवन में शिक्षा का सबसे अहम स्थान होता है। हर व्यक्ति का जीवन उसकी शिक्षा पर निर्भर होता है। जैसी शिक्षा व्यक्ति को दी जाएगी, उसका जीवन उसी अनुसार चलेगा। आज हम पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मना रहे हैं। हर साल 11 नवंबर को भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में इस दिन को मनाया जाता है। इस दिन शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं। 11 सितंबर, 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। मौलाना आजाद को मरणोपरांत 1992 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद या मौलाना सैय्यद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल-हुसैनी आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को हुआ था। मौलाना अबुल कलाम आजाद 1947 से 1958 तक पंडित जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में पहले शिक्षा मंत्री थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद न केवल एक विद्वान थे बल्कि शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे। वह एक सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाने जाते थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के आईआईटी और कई प्रमुख संस्थानों की बेहतरी के लिए काम किया। एक कवि, विद्वान, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी, उन्होंने कई नेताओं के साथ भारत के निर्माण में योगदान दिया। लेकिन भारत के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का उपहार रहा है। शिक्षा की अलख जगाने वाली शान्ति आदिवासी ने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 की थीम मौलाना आजाद के अनुसार स्कूल प्रयोगशालाएं हैं जो देश के भावी नागरिक तैयार करती हैं। "किसी भी प्रणाली का प्राथमिक उद्देश्य संतुलित दिमाग बनाना है जिसे गुमराह नहीं किया जा सकता है। मौलाना आजाद ने कई संस्थानों की स्थापना की जिनमें ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी शामिल हैं। इस बार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 की थीम विषय "पाठ्यक्रम बदलना और शिक्षा को बदलना" है। शिक्षा मंत्रालय हर साल एक अलग फोकस क्षेत्र निर्धारित करता है।आज की कार्यशाला में स्कूल।बापिस जाने वाली राधा आदिवासी एवम रेणु आदिवासी को उपहार देकर उनका सम्मान से स्वागत किया इससे अन्य लड़किया भी स्कूल जाने को राजी होगी। प्रोग्राम में सभी बालिकाओं को खेल खेल में सीखो बुक प्रदान की एवम उनको फिर से हाथ में किताब दी। प्रोग्राम में शक्ति शाली महिला संगठन की पूरी टीम साहब सिंह धाकड़ के साथ साथ स्कूल ड्रॉप आउट बच्चो को बापिस साक्षर करने की मुहीम से जुड़ी रेणुका, उर्मिला, प्रीती, कृष्णा, गायत्री, करिश्मा, रूबी, कविता, वर्षा, शांति, मुखि, कबीला, संध्या, कल्पना आदिवासी के साथ साथ आगनवाड़ी कार्यकर्ता राजकुमारी केवट ने सक्रीय भूमिका अदा की।

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