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धमाका खास खबर: MP के वकील साहब संविधान की शपथ लेकर व्याह लाए दुल्हन, न फेरे, न मंत्र, शादी कार्ड भी दिलचस्प

सोमवार, 16 जनवरी 2023

/ by Vipin Shukla Mama
MP's lawyer took the oath of the constitution and brought the bride for marriage, no rounds, no mantras, the wedding card is also interesting
बैतूल। एमपी गजब हैं, सबसे अलग है, ये बात आज फिर साबित हो गई जब एक वकील साहब ने संविधान की शपथ लेकर दुल्हन व्याह ली। बैतूल निवासी वकील दर्शन बुंदेला ये अनोखा कारनामा किया और भूगोल में गोल्डमेडलिस्ट राजश्री को अपनी जीवन संगनी बना लिया। दरअसल दोनों एक दूसरे को पिछले बारह साल से जानते हैं और अब सदेव के लिए परिणय बंधन में बंध गए। दर्शन ने हरदा जिला उत्कृष्ट हासे स्कूल की टीचर राजश्री से शादी की। राजश्री के पिता शिक्षक जबकि दर्शन के पिता सेनि क्लर्क हैं।
बता दें कि दर्शन की राजश्री से उनकी दोस्ती 12 साल पहले कॉलेज में हुई थी। इस दौरान दोनों साथ मिलकर सामाजिक कार्य करने लगे। साथ काम करते करते हुए दोनों में नजदीकियां बढ़ गईं और ये दोस्ती प्यार में बदल गई। 12 साल के अफेयर के बाद दोनों शादी के बंधन में बंध गए। जानकारी के अनुसार, दर्शन वही वकील हैं जिनके भाइयो को पुलिसवालों ने पीटा था इसके लिए हाईकोर्ट तक लम्बी लड़ाई लड़ी गई थी।  
संविधान हमें मौलिकता प्रदान करता हैं: दर्शन
विवाह को लेकर दर्शन का कहना है कि देश में मौजूदा दौर में देखा जा रहा है कि लोग अपनी जाति, अपने धर्म और अपनी परम्पराओं के अनुरूप अपना विवाह रचाते हैं। जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है। तब हम फैसला किया कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखे संविधान हमे स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्रदान करता है। देश में आज जाति धर्म के आधार पर अराजकता का माहौल देखा जा रहा है। इस सबसे अलग हटकर हमने ये तय किया था कि, हम अपना विवाह संविधान की शपथ लेकर रचाएंगे और समाज को ये संदेश देने का प्रयास करेंगे कि देश में रहने वाला प्रत्येक नागरिक एक है और पूर्ण स्वतंत्र है।
हमारा संविधान देश के सभी नागरिकों को चाहे वह किसी भी जाति, किसी भी धर्म, किसी भी लिंग और किसी भी समुदाय का हो, संविधान का आर्टिकल 21 जो हमें राइट-टू-चूज का अधिकार देता है। उसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आज इस को पढ़ते हुए हमने विवाह किया है और एक जीवन साथी बनाया है। 
स्वतंत्रता का अधिकार, पसंद को चुनने का अधिकार बहुत महत्वपूर्ण: राजश्री
दुल्हन राजश्री ने कहा कि हम जब अपने पेरेंट्स की बात मानते हैं, तो पेरेंट्स भी बच्चों की बात को सुने समझे। हमेशा फैसला किसी एक का नहीं हो सकता। परिवार जब मिलकर फैसला लेता है, तो रिश्ते आगे बढ़ते हैं। संविधान ने हमें मौलिक अधिकार दिए हैं। जिन्हें कोई नहीं छीन सकता। स्वतंत्रता का अधिकार, पसंद को चुनने का अधिकार बहुत महत्वपूर्ण है। लोग इस बात को समझते नहीं है कि यह भविष्य में कितनी मुसीबत लेकर आता है। यदि आप अपनी पसंद को चुनने का अधिकार देते हैं, तो इससे सभी का जीवन सुखमय होता है। इसी कानून का उपयोग करते हुए हम इस बंधन में बंधे हैं।
ऐसे हुई विवाह की शुरुआत
दर्शन और राजश्री ने अपने परिवारों को अपनी इच्छा बताई और एक साथ, एक बंधन में बंधने का फैसला सुना दिया। अंतरजातीय प्रेम विवाह को दोनों परिवारों ने सहमति दी और दोनों एक दूजे के हो गए। इसके लिए दर्शन और राजश्री ने पहले रजिस्टर्ड मैरिज की और फिर रविवार रात संविधान की शपथ लेकर एक दूसरे का हाथ थाम लिया। इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष से लेकर कई वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, नाते, रिश्तेदार इस के साक्षी बने।
क्रिएटिव इंविटेशन कार्ड देकर किया इनवाइट
इस विवाह की खास बात यह भी रही की विवाह के पहले भेजे गए आमंत्रण पत्र में भी संविधान का जिक्र किया गया। दर्शन ने मित्रों, रिश्तेदारों को भेजे निमंत्रण पत्र में लिखा की संविधान के आर्टिकल 21 के तहत वे अपने जीवन जीने के अधिकार के तहत शादी कर रहे हैं। इसलिए आप भी संविधान के आर्टिकल 19 (i)(b) के तहत शांति से एकत्रित होने के अधिकार का उपयोग कर इस शादी में आकर उन्हें आशीर्वाद दें।

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