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धमाका खास खबर: जोश, उत्साह और अडिग इरादे से छटवीं बार में नेहा परिहार बनी सिविल जज, प्रदेश में पाई 35 वीं रैंक , पढ़िए कैसे मिली सफलता

सोमवार, 20 फ़रवरी 2023

/ by Vipin Shukla Mama
Shivpuri शिवपुरी। जोश, उत्साह और अडिग इरादे के बलबूते पर छटवीं बार में शिवपुरी की नेहा परिहार सिविल जज बन गई हैं। उन्होंने प्रदेश में 35 वीं रैंक हासिल की है। श्री एसएस परिहार (सेनि स्टेनो टू कलेक्टर) के छोटे भाई श्री नरेन्द्र सिंह परिहार (सेनि सहायक यंत्री सिंचाई विभाग) की सुपुत्री एवम जेएस परिहार (इंजीनियर नपा) की भतीजी कुमारी नेहा परिहार ने सिविल जज परीक्षा उत्तीर्ण कर शिवपुरी का नाम रोशन कर दिया है। 
वैसे तो प्रदेश में कई होनहारों ने सिविल जज की परीक्षा उत्तीर्ण की हैं लेकिन नेहा की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा का काम कर सकती हैं। खासकर उन युवाओं के लिए जो जीवन में ऊंचा मुकाम तो पाना चाहते हैं लेकिन अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। उनका धीरज जरा सी असफलता से जवाब दे जाता हैं और वे रास्ता बदल लेते हैं। इतना ही नहीं नेहा की कहानी उन अभिभावकों के लिए भी एक मिसाल हैं जो अपने बच्चों से चांद तारे तोड़कर लाने की उम्मीद तो लगा लेते हैं लेकिन जब बच्चे उस दिशा में आगे बढ़ते हैं और एक ठोकर भी लग जाए तो माता पिता बच्चों को दूसरा रास्ता चुनने की सलाह दे देते हैं। इन दोनो हालात में यानी की युवा या अविभावक अपना जोश उत्साह लक्ष्य कायम नहीं रखते और मंजिल से भटक जाते हैं। लेकिन नेहा सिंह परिहार की स्टोरी जरा डिफरेंट हैं। अगर युवा ध्यान से इस सक्सेस स्टोरी को पढ़ते हैं तो यकीन मानिए वे भी नेहा की तरह सिविल जज या जो चाहेंगे बनकर ही मानेंगे। तो आइए नेहा के साथ फ्लैश बैक पर चलते हैं।
साल 2016 और नेहा ने की तैयारी
ये पहली बार था जब नेहा को लगा सिविल जज ट्राई करना चाहिए। उसके माता पिता ने इजाजत दी तो नेहा इंदौर गई और सर प्रमोद भटेले की लॉ अकादमी में प्रवेश ले लिया। यहां सर तिवारी जी से जजमेंट का ज्ञान हासिल किया और बाकी की पूरी तयारी प्रमोद सर ने करवाई। एक साल की इस कोचिंग के बाद नेहा परीक्षा में शामिल हुई और प्री एग्जाम पास कर लिया। लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद नेहा शिवपुरी रहकर घर से ही परीक्षा की तैयारी करती रही और आया 2020 जब उसने प्री के साथ इंटरव्यू तक की छलांग लगा डाली। परिजन, दोस्त सभी खुश थे की इस बार तो नेहा जलवा ढा देगी लेकिन किस्मत फिर दगा दे गई। हम सभी ने सुना हैं किसी पुरुष के मुकाबले महिलाओं में धैर्य ज्यादा होता हैं सो सही भी था की नेहा ने हार नहीं मानी लेकिन घर वाले नाखुशी जाहिर कर उसे एक बेटी होने का एहसास कराते, जाहिर सी बात हैं एक बेटी के माता पिता हम भी होते तो यही करते लेकिन घर बसाने की मंशा पर नेहा की जिद भारी पड़ी और इसमें उसके माता पिता का भी पूरा योगदान रहा जिन्होंने समाज और दुनिया की परवाह नहीं की लेकिन जब साल 2021 की परीक्षा आई तो ये जरूर तय हुआ की अभी नहीं तो कभी नहीं फिर सीधी शहनाई बजेगी। लेकिन कहते हैं न की किस्मत भी बुलंद इरादों के पैरों में जा गिरती हैं तो वही हुआ जब रविवार को साल 2021 एमपी सिविल जज का रिजल्ट आया तो नेहा ने मन की उमंग को पा लिया। उसने जोश, जज्बे, उत्साह और बुलंद इरादे से आखिर अपनी मंजिल पा ही ली। उसकी खुशी इस कामयाबी से सातवें आसमान पर हैं।
नेहा कहती हैं, मेरे दोस्तों जीवन में जो ठान लो वो जरूर करना, मुश्किल आयेंगी, आती हैं लेकिन प्रयास जोरदार करना जैसे मैने किया। नेहा ने अविभावकों से भी अनुरोध किया की उसके माता पिता की तरह बच्चों का हौंसला बढ़ाते रहना, बच्चों के बढ़ते कदमों को कभी रोकना नहीं। सफलता जरूर मिलती हैं। नेहा ने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता, परिवार के सभी सदस्यों और गुरुजनों के साथ भगवन को दिया। धमाका संपादक विपिन शुक्ला की तरफ से नेहा बिटिया को लख लख बधाई। इधर नेहा को उनके सिविल जज बनने पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने हर्ष व्यक्त कर सफलता पर बधाई दी है।








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