नरवर। नरवर के गांधीपुरा में निवासी जिला पुरातत्व संघ के पूर्व सदस्य देवेन्द्र शर्मा नरवर क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इसे पर्यटन का मुख्य केंद्र बनाने हेतु विगत 30 वर्षों से निरंतर प्रयासरत हैं।
देवेन्द्र शर्मा समय समय पर मुख्यमंत्री, केंद्र एवं प्रदेश के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, शासन के अधिकारियों के समक्ष नरवर को पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करने एवं नरवर के ऐतिहासिक किले को संरक्षित करने के लिए अपनी मांग को दोहराते रहते हैं। उनकी मांग पर पूर्व में किले के जीर्णोद्धार एवं पुनरुद्धार कार्य भी हुए हैं, उन्हीं के प्रयासों से किला क्षेत्र में बिखरी हुई बहुमूल्य तोपों को कचहरी महल में स्थापित करने का कार्य भी हुआ है।
हाल ही में शर्मा ने शिवपुरी के ख्यातिनाम कवियों और शायरों को किले पर आमंत्रित करके एक साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया। साहित्यकारों ने किले का भ्रमण किया और कवि गोष्ठी में गजलकार एवं गीतकार डॉ एच. पी. जैन, इंजीनियर अवधेश सक्सेना, शायर प्रदीप दुबे (सुकून शिवपुरी), शायर याकूब साबिर, संचालक आदित्य शिवपुरी, भजन गायक मुकेश शर्मा एवं कवि घनश्याम शर्मा ने अपनी रचनाओं के माध्यम से किले की आवाज को देश भर में गुंजायमान किया। देवेंद्र शर्मा जी के सुपुत्र प्रतीक शर्मा ने किले के इतिहास से साहित्यकारों का परिचय कराया।
नरवर किले पर आयोजित साहित्यकारों की कवि गोष्ठी के समाचार और यूट्यूब वीडियो पूरे देश में वायरल हो गए हैं एवं सर्वत्र प्रशंसा प्राप्त कर रहे हैं।
क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर भी नरवर किले एवं नरवर क्षेत्र को पर्यटन नक्शे पर लाने के लिए प्रयासरत हैं और इस संबंध में देवेंद्र शर्मा से विस्तृत चर्चा कर चुके हैं। विगत दिवस विवेक नारायण शेजवलकर ने लोकसभा में भी नरवर को पर्यटक क्षेत्र के रूप में संरक्षित एवं विकसित करने की मांग उठाई है।
नरवर किला एवं नरवर के आसपास का क्षेत्र पुरातत्विक महत्व का क्षेत्र होने से एवं तीन बड़े बांध अटल सागर, मोहिनी सागर एवं हरसी बांध के चारों ओर अनुपम सौंदर्य छटा बिखरी होने से यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। केंद्र एवं राज्य सरकारों को इस संबंध में शीघ्र ही निर्णय लेकर क्रियान्वयन कराना चाहिए।

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