शिवपुरी। नगर के वरिष्ठ और जनहित विषयों को लेकर सदैव सजग रहने वाले एडवोकेट विजय तिवारी ने फिर एक बार गंभीर विषय को लेकर मप्र के प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल, आयुक्त, कलेक्टर रविंद्र कुमार सहित नपा सीएमओ शिवपुरी के एस सगर को वैधानिक चेतावनी पत्र थमाया हैं। आपको याद होगा एडवोकेट तिवारी ने माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के समक्ष एक जनहित याचिका कं0 3217 / 2013 इस आशय की प्रस्तुत की थी कि नगरपालिका शिवपुरी के 94 आवासो में अनाधिकृत व्यक्ति सपरिवार निवासरत है, उनसे बाजार दर से किराया वसूल किया जावे तथा करोड़ों रुपये कीमत के नगरपालिका शिवपुरी के आवास रिक्त कराये जायें। इस विषय को लेकर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 01.10. 2013 को व्यापक निर्देश जारी कर उक्त जनहित याचिका के व्यय के रूप में पिटीशनर को नगरपालिका परिषद शिवपुरी से 5000/- रूपये प्रदान करने का आदेश जारी किया था उक्त राशि परिषद द्वारा प्रदान कर दी गयी है लेकिन उक्त जनहित याचिका में पारित आदेशो का अनुपालन ना करने पर तिवारी द्वारा कन्टेम्प पिटीशन संख्या 192/ 2014 प्रस्तुत की गयी थी। उक्त कन्टेस्ट पिटीशन में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 02.09.2014 को यह आदेश पारित किया था कि उक्त दिनांक से छह माह के भीतर नगरपालिका परिषद शिवपुरी के आवासों में अनाधिकृत रूप से निवासरत व्यक्तियो से आवास खाली करावें तथा किराया बसूल करें लेकिन माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कन्टेस्ट पिटीशन में पारित दिशा निर्देशों का आठ वर्ष व्यतीत होने उपरांत भी नगरपालिका परिषद शिवपुरी द्वारा उक्त आदेशो का क्रियान्वयन नहीं किया जाकर पुनः अवमानना कारित की जा रही है। जिसे लेकर एडवोकेट विजय तिवारी ने वैधानिक पत्र थमाया हैं। जिसमें यह भी लिखा हैं की नगरपालिका परिषद शिवपुरी के उक्त आवासो का बाजारू मूल्य वर्तमान में करोड़ो रूपये है उक्त 94 आवासों में से कई आवास वाणिज्यिक स्थिति में है अर्थात उनका पुर्ननिर्माण कर व्यापारिक उपयोग हो सकता है। उल्लेखनीय है कि उक्त 94 आवासों में 38 आवास "चाल" के रूप में अर्थात एक-एक कमरे के है जो सराय के नाम से न्यूब्लॉक में स्थित है जिनमें समाज के कमजोर वर्ग के व्यक्ति वर्षो से अपने परिवार सहित निवास कर रहे है। मानवीय आधार पर उक्त सराय के निवासीगण के आवास की वैकल्पिक व्यवस्था होने उपरांत उनके विरूद्ध कार्यवाही संस्थित की जावे। उल्लेखनीय है कि न्यू ब्लॉक शिवपुरी स्थित उक्त सराय के महिला आंगनवाड़ी केन्द्र के सामने अर्थात मुख्य सड़क पर स्थित चाल के कमरो में कई अनाधिकृत कब्जाधारी व्यक्तियो द्वारा व्यवसाय संचालित किये जा रहे है। किन्तु नगरपालिका परिषद शिवपुरी को प्रतिफल के रूप में एक रूपये का भी भुगतान उक्त अवैध कब्जाधारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है।
6. 7. यह कि व्यापक लोकहित में तिवारी द्वारा नगरपालिका में राजस्व बढोत्तरी के उददेश्य से तथा नगरपालिका शिवपुरी की बेशकीमती भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के उददेश्य से उक्त जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देशो के बावजूद उनका कियान्वयन न किया जाना अपने आप में घोर आश्चर्य का विषय है। उक्त कार्यवाही में नगरपालिका परिषद शिवपुरी के जिन अधिकारियों व कर्मचारियो द्वारा लापरवाही की गई है उनके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किया जाना अपेक्षित है। अतः वैधानिक सूचना पत्र प्रचलित कर आपको निर्देशित किया जाता है कि जनहित याचिका कं0 3217 / 2013 विजय तिवारी विरूद्ध प्रमुख सचिव आदि तथा कन्टेम्पट पिटीशन 192 / 2014 विजय तिवारी विरूद्ध एस0के0 मिश्रा आदि में पारित माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशो का शीघ्रतिशीघ्र अनुपालन सुनिश्चित करें अन्यथा की दशा में विवश होकर हमें माननीय उच्च न्यायालय में कार्यवाही करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा, जिसके समस्त हर्जे खर्चे की जबावदेही आपकी होगी।
पढ़िए विस्तार से ये थमाया हैं पत्र
वैधानिक सूचना पत्र अधीन धारा 319 नगरपालिका विधान
विजय तिवारी एडवोकेट, "साकेत" शक्तिपुरम, वार्ड नं0 2, शिवपुरी म०प्र०
...सूचक
विरुद्ध
1. प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग बल्लभ भवन भोपाल म.प्र.
2. आयुक्त महोदय नगरीय प्रशासन एवं विकास, 06 शिवाजी नगर भोपाल म०प्र०
3. जिलाधीश महोदय, जिला शिवपुरी मoप्रo
4. मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद शिवपुरी म०प्र०
सूचितगण
मेरे द्वारा व्यापक लोकहित में यह वैधानिक सूचना पत्र आपसूचितगण के विरूद्ध प्रचलित किया जा रहा है जो विदआउट प्रिज्युडिस समझा जावे :- यह कि मेरे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के समक्ष एक जनहित याचिका कं0 3217 / 2013 इस आशय की प्रस्तुत की थी कि नगरपालिका शिवपुरी के 94 आवासो में अनाधिकृत व्यक्ति सपरिवार निवासरत है, उनसे बाजार दर से किराया वसूल किया जावे तथा करोड़ों रुपये कीमत के नगरपालिका शिवपुरी के आवास रिक्त कराये जायें।
1. 2 यह कि उक्त जनहित याचिका में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 01.10. 2013 को व्यापक निर्देश जारी कर उक्त जनहित याचिका के व्यय के रूप में पिटीशनर को नगरपालिका परिषद शिवपुरी से 5000/- रूपये प्रदान करने का आदेश जारी किया था उक्त राशि परिषद द्वारा मुझे प्रदान कर दी गयी है। यह कि उक्त जनहित याचिका में पारित आदेशो का अनुपालन ना करने पर मेरे द्वारा कन्टेम्प पिटीशन संख्या 192/ 2014 प्रस्तुत की गयी थी। उक्त कन्टेस्ट पिटीशन में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 02.09.2014 को यह आदेश पारित किया था कि उक्त दिनांक से छह माह के भीतर नगरपालिका परिषद शिवपुरी के आवासों में अनाधिकृत रूप से निवासरत व्यक्तियो से आवास खाली करावें तथा किराया बसूल करें।
3. यह कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कन्टेस्ट पिटीशन में पारित दिशा निर्देशों का आठ वर्ष व्यतीत होने उपरांत भी नगरपालिका परिषद शिवपुरी द्वारा उक्त आदेशो का क्रियान्वयन नहीं किया जाकर पुनः अवमानना कारित की जा रही है।
5. यह कि नगरपालिका परिषद शिवपुरी के उक्त आवासो का बाजारू मूल्य वर्तमान में करोड़ो रूपये है उक्त 94 आवासों में से कई आवास वाणिज्यिक स्थिति में है अर्थात उनका पुर्ननिर्माण कर व्यापारिक उपयोग हो सकता है। उल्लेखनीय है कि उक्त 94 आवासों में 38 आवास "चाल" के रूप में अर्थात एक-एक कमरे के है जो सराय के नाम से न्यूब्लॉक में स्थित है जिनमें समाज के कमजोर वर्ग के व्यक्ति वर्षो से अपने परिवार सहित निवास कर रहे है। मानवीय आधार पर उक्त सराय के निवासीगण के आवास की वैकल्पिक व्यवस्था होने उपरांत उनके विरूद्ध कार्यवाही संस्थित की जावे। उल्लेखनीय है कि न्यू ब्लॉक शिवपुरी स्थित उक्त सराय के महिला आंगनवाड़ी केन्द्र के सामने अर्थात मुख्य सड़क पर स्थित चाल के कमरो में कई अनाधिकृत कब्जाधारी व्यक्तियो द्वारा व्यवसाय संचालित किये जा रहे है। किन्तु नगरपालिका परिषद शिवपुरी को प्रतिफल के रूप में एक रूपये का भी भुगतान उक्त अवैध कब्जाधारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है।
6. 7. यह कि व्यापक लोकहित में मेरे द्वारा नगरपालिका में राजस्व बढोत्तरी के उददेश्य से तथा नगरपालिका शिवपुरी की बेशकीमती भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के उददेश्य से उक्त जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देशो के बावजूद उनका कियान्वयन न किया जाना अपने आप में घोर आश्चर्य का विषय है। उक्त कार्यवाही में नगरपालिका परिषद शिवपुरी के जिन अधिकारियों व कर्मचारियो द्वारा लापरवाही की गई है उनके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किया जाना अपेक्षित है। यह कि माननीय उच्च न्यायालय की जनहित याचिका कं0 3217 / 2013 विजय तिवारी विरुद्ध प्रमुख सचिव आदि तथा कन्टेम्प पिटीशन कॅ0 192 / 2014 विजय तिवारी विरुद्ध एस0के0 मिश्रा आदि की छायाप्रति इस सूचना पत्र के साथ आप सूचितगण को प्रेषित की जा रही है। अतः वैधानिक सूचना पत्र प्रचलित कर आपको निर्देशित किया जाता है कि जनहित याचिका कं0 3217 / 2013 विजय तिवारी विरूद्ध प्रमुख सचिव आदि तथा कन्टेम्पट पिटीशन 192 / 2014 विजय तिवारी विरूद्ध एस0के0 मिश्रा आदि में पारित माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशो का शीघ्रतिशीघ्र अनुपालन सुनिश्चित करें अन्यथा की दशा में विवश होकर हमें माननीय उच्च न्यायालय में कार्यवाही करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा, जिसके समस्त हर्जे खर्चे की जबावदेही आपकी होगी।
दिनांक : 31.03.2023
भवदीय विजय तिवारी (अधिक्ता) भूतपूर्व अध्यक्ष अभिभाषक संघ शिवपुरी म०प्र०

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