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धमाका खास खबर: इसरो की जिस टीम की बदौलत भारत के चंद्रयान-3 ने चांद पर रखा कदम उसी टीम के हीरो हैं, MP के शिवपुरी जिले के निवासी इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक दया निधि सिद्धार्थ जैन ISRO's senior scientist Shivpuri MP resident Daya Nidhi Siddharth Jain also played an important role

गुरुवार, 24 अगस्त 2023

/ by Vipin Shukla Mama
Chandrayaan 3 Landing on Moon : भारत के चंद्रयान-3 ने इतिहास रचते हुए चांद के साउथ पोल पर बुधवार की शाम सफल लैंडिंग कर ली, ऐसा करने वाला भारत दुनिया में पहला देश बन गया है। इस सफलता पर पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है। देशवासी एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं, आसमान रंगबिरंगी आतिशबाजी से नहाया जान पड़ रहा है। हर तरफ उल्लास, खुशी और सेलिब्रेशन के दौर जारी हैं। विक्रम लैंडर को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारने की यह उपलब्धि सराहनीय है। भारत का गौरव इस परियोजना के लिए कड़ी मेहनत करने वाले इसरो के सभी वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के प्रयास अविस्मरणीय हैं। इसरो को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई देते देशवासी नहीं थक रहे। अंतरिक्ष अन्वेषण में ये एक बड़ा कदम है और निश्चित रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रभावशाली प्रगति का प्रमाण भी है। एक तरफ जहां भारत के हर हिस्से में खुशी का माहोल है तो दूसरी तरफ MP मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के एक होनहार को भी इस उपलब्धि का श्रेय जाता है। इस छोटे से जिले शिवपुरी को यूं तो सिंधिया राजघराने से पहचान हासिल है। माधव नेशनल पार्क, पर्यटन नगरी के साथ साथ नागर विमानन और इस्पात मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से सांसद रहे हैं। एमपी सरकार की वरिष्ठ खेल मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी से विधायक हैं। इसी बीच 23 अगस्त 2023 की शाम शिवपुरी के लिए उतनी ही बड़ी खुशी की खबर लेकर आई जितनी देश भर में खुशी महसूस की गई। देशवासी भारत के जिस चंद्रयान-3 को चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग करते देख रोमांचित हुए उससे कहीं दो गुनी खुशी शिवपुरी वासियों को हुई। जब ये जानकारी मिली की इस मिशन में इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक शिवपुरी एमपी निवासी दया निधि सिद्धार्थ जैन का भी अहम रोल है। ISRO's senior scientist Shivpuri MP resident Daya Nidhi Siddharth Jain also played an important role. शिवपुरी जिले के ख्यातिनाम डॉक्टर आरके जैन और अर्थशास्त्र की प्रोफेसर अनीता जैन के इन होनहार सुपुत्र ने देश भर में शिवपुरी का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित कर दिया है।
यहां से शुरू हुआ सफर
शिवपुरी के हेप्पिडेज स्कूल में आरंभिक शिक्षा हासिल कर वैज्ञानिक सिद्धार्थ मैकेनिक ब्रांच से बीटेक कर इंजीनियर बने। जब आप इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में इंटर्नशिप कर रहे थे तभी इसरो की लिखित परीक्षा उन्होंने पास कर ली थी। उसके बाद इंटरव्यू क्लियर करके सीधे वैज्ञानिक प्रथम श्रेणी के पद पर इसरो पहुंचे। तब से अब तक तीन प्रमोशन उन्हें मिल चुके हैं। उनकी एक रिसर्च वर्क को इसरो ने पेटेंट भी करवाया है। भिलाई में उनके आधार पर  डिजाइन होकर मशीन बन रही है एवं सेटेलाइट में बेस व बार तकनीक डेवलप की है। साल 2018 में उन्हें इन सभी उपलब्धियों की वजह से स्पेस के क्षेत्र में कार्य कर रही सभी संस्थाओं जैसे कि डीआरडीओ भाभा इसरो एवं अन्य प्राइवेट संस्थाओ ने इनके कार्य को विशिष्ट मानते हुए उन्हें भारत के युवा वैज्ञानिक का सम्मान प्रदान किया था। वर्तमान में इसरो के डायरेक्टर एस सोमनाथ के हाथों ही सिद्धार्थ को युवा वैज्ञानिक अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
इस अहम रोल को निभाते हैं शिवपुरी के हीरो सिद्धार्थ सिद्धार्थ इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। 2010 फरवरी में इसरो ज्वाइन किया था। उसके बाद उनके तीन प्रमोशन हो चुके हैं। चंद्रयान-2 एवं चंद्रयान-3 दोनों में वह असेंबलिंग टीम का हिस्सा रहे हैं। यानी जो स्पेसक्राफ्ट को असेंबल करती है,  रोवर लेंडर को हरी कोटा लेकर जाना, उसमें सिद्धार्थ को भारत के युवा वैज्ञानिक का सम्मान प्राप्त हुआ है। उनके कार्य को इसरो ने पेटेंट भी करवाया है। 
जानिए विस्तार से
दया निधि सिद्धार्थ जैन, निवासी शिवपुरी mp
वैज्ञानिक/अभियंता
यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी), इसरो में सिस्टम इंटीग्रेशन ग्रुप के साथ सैटेलाइट इंटीग्रेटर के रूप में कार्यरत वैज्ञानिक हैं।
बैंगलोर, भारत
अनुभव
वैज्ञानिक/अभियंता
यूआरएससी, इसरो फरवरी 2010 - वर्तमान
• इसरो में शामिल होने के बाद से, आप यू आर राव सैटेलाइट सेंटर के सैटेलाइट इंटीग्रेशन ग्रुप में काम कर रहे हैं। 
• सैटेलाइट एकीकरण टीम के हिस्से के रूप में, उन्होंने कई लोगों के लिए इंटीग्रेटर के रूप में काम किया है।
चंद्रयान-2, मंगलयान जैसे प्रतिष्ठित मिशन सहित अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 और आदित्य एल 1.
डिज़ाइन इंजीनियर के रूप में, उनके पास अंतरिक्ष यान के लिए महत्वपूर्ण सबसिस्टम और मास प्रॉपर्टी मापन मशीन डिज़ाइन है।
"मैकेनिज्म फॉर डुअल रेंज मास एंड सेंटर ऑफ मास" नामक पेटेंट के लेखक
मापन मशीन" और इसे पेटेंट के साथ पंजीकृत किया गया है।
कार्यालय (पेटेंट आवेदन: 2543/सीएचई/2013)। 
• सोसायटी द्वारा वर्ष 2018 के लिए 'समान-युवा अन्वेषक पुरस्कार' प्राप्त विनिर्माण इंजीनियर
• स्कूल में पूर्व छात्र संघ से यंग अचीवर पुरस्कार प्राप्तकर्ता
मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में फॉर्मूला मणिपाल क्लब के संस्थापक सदस्य और कॉलेज की पहली छात्र F1 रेसिंग कार डिज़ाइन की जिसने SAE में भाग लिया था"
इटली में सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर" कार्यक्रम।खुशी से फूले नहीं समाए माता पिता
किसी भी परिवार में इससे बड़ी उपलब्धि और खुशी का पल नहीं आ सकता जब सारी दुनिया आपकी सराहना करे। इसरो को जितनी तारीफ मिली जाहिर सी बात हैं उसकी पूरी टीम इस बधाई की हकदार हैं। यही कारण था की शिवपुरी निवासी isro के वरिष्ठ वैज्ञानिक सिद्धार्थ जैन के माता पिता को भी बेहद खुशी हुई। उनके बेटे ने कीर्तिमान रचा इससे बड़ी कोई उपलब्धि नहीं हो सकती। प्रोफेसर अनीता जैन ने धमाका से कहा कि मैं अधिकतर 10 बजे सो जाती हूं किंतु आज लगातार बधाइयां आ रही है। मुझे अपने देश के लिए बहुत गर्व महसूस हो रहा है।  एक मां के रूप में भी मुझे गर्व है। मुझे लगता है की बच्चों को इस इस दिशा में प्रेरित करने की आवश्यकता है। हम शिवपुरी वासी भी इस गौरव पूर्ण ऐतिहासिक अविस्मरणीय समय पर आनंदित व गौरव महसूस करें। यही कामना।












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