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धमाका बड़ी खबर: हंगामे के बीच लोकसभा से पास हुए 5 बिल, कल से अविश्वास प्रस्ताव पर शुरू होगी चर्चा

सोमवार, 7 अगस्त 2023

/ by Vipin Shukla Mama
दिल्ली। लोकसभा ने सोमवार को विपक्ष के शोर शराबे और हंगामे के बीच पांच विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी जिनमें एक विधेयक को मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच पारित किया गया। इनमें ‘डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023', ‘अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान विधेयक, 2023', ‘फार्मेसी संशोधन विधेयक, 2023', ‘मध्यकता विधेयक, 2023' और ‘तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023' हैं। निचले सदन ने शोर-शराबे के बीच ‘डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023' को मंजूरी दे दी जिसमें डिजिटल व्यक्तिगत डाटा के संरक्षण तथा व्यक्तिगत डाटा का संवर्द्धन करने वाले निकायों पर साधारण और कुछ मामलों में विशेष बाध्यता लागू करने का उपबंध किया गया है। लोकसभा में कल से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी चर्चा की शुरूआत कर सकते हैं। 
लोकसभा में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा और उनके जवाब के बाद विधेयक को सदन की स्वीकृति मिल गई। सदन ने ‘अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान विधेयक, 2023' को पारित किया जिसमें देशभर के विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को वित्त पोषित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रतिष्ठान स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। निचले सदन में संक्षिप्त चर्चा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के जवाब के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी। चर्चा के दौरान कई विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। सदन में ‘फार्मेसी संशोधन विधेयक, 2023' को मंजूरी दी गई जिसमें जम्मू कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में फार्मेसी अधिनियम, 1948 में संशोधन का प्रस्ताव है। 
लोकसभा में विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रखा। उन्होंने चर्चा का जवाब दिया जिसके बाद सदन ने इसे पारित कर दिया। लोकसभा ने ‘मध्यकता विधेयक, 2023' को भी मंजूरी दे दी और इसके साथ विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा ने पिछले सप्ताह चर्चा के बाद सरकार द्वारा लाए गए विभिन्न संशोधनों के साथ उक्त विधेयक को मंजूरी दी थी। इसमें मध्यस्थता की प्रक्रिया को सुगम बनाने तथा अदालतों में लंबित मामलों की संख्या में कमी लाने का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक में भारतीय मध्यस्थता परिषद स्थापित करने का भी प्रावधान है। 
लोकसभा में विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दिया। निचले सदन ने सोमवार को ‘तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023' को भी अपनी मंजूरी दी। इसमें तटीय जल कृषि कानून के दायरे का विस्तार करने, कारावास के प्रावधानों को हटाने तथा पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों से समझौता किए बिना नियामक अनुपालन शर्तों को आसान करने का प्रावधान किया गया है। सदन में इस विधेयक पर चर्चा और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के जवाब के बाद इसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।
दुबे के बयान पर लोकसभा में हंगामा
इससे पहले लोकसभा में सोमवार को मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी और कांग्रेस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों के बीच शोर-शराबे के कारण सदन की बैठक दो बजे तक स्थगित कर दी गई थी। सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए। कुछ सदस्य तख्तियां भी लहरा रहे थे। इसी दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं पर ‘चीन के साथ मिलकर देश के खिलाफ माहौल बनाने का आरोप लगाया।' उन्होंने दावा किया कि न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की एक खबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों के हवाले से खुलासा किया गया है कि न्यूजक्लिक नामक पोर्टल को भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन से किस तरह पैसे मिले और वह धन किस तरह नक्सलियों और अन्य लोगों को पहुंचाया गया। दुबे ने आरोप लगाया कि न्यूजक्लिक का प्रमुख ‘देशद्रोही टुकड़े-टुकड़े गिरोह का' एक सदस्य है। झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने आरोप लगाया, ‘‘जब भारत पर संकट आया......2005 से लेकर 2014 तक.... चीन सरकार ने कांग्रेस को पैसा दिया। जिसका एफसीआरए लाइसेंस भारत सरकार ने निरस्त किया।'' भाजपा सांसद ने आरोप लगाया, ‘‘2008 में जब ओलंपिक (चीन में) हुआ तब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आमंत्रित किया गया था और 2017 में डोकलाम के समय ये (कांग्रेस नेता) चीनी लोगों के साथ बात कर रहे थे।''दुबे ने कहा कि कांग्रेस के नेता पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ‘हिंदी चीनी भाई-भाई' की नीति को बढ़ाना चाहते हैं और देश का विभाजन करना चाहते हैं। दुबे ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस चीन के साथ मिलकर देश को तहस-नहस करना चाहती है।'' उन्होंने दोनों पक्षों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच कहा कि ‘‘कांग्रेस को चीन से जितना अनुदान मिला है, सरकार को उसकी जांच करानी चाहिए और कांग्रेस को चुनाव लड़ने के लिहाज से अवैध घोषित कर देना चाहिए।'' शोर-शराबा बढ़ने पर पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने बैठक कुछ ही मिनट के भीतर दो बजे तक स्थगित कर दी।












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