शिवपुरी। ग्राम गिलोंधरा (रन्नौद) में जारी श्रीमद्भागवत कथा में तीसरे दिवस, कथा व्यास पंडित वासुदेव नंदिनी भार्गव ने भगवान के भक्तवत्सल रुप की बात करते हुए कहा कि
भगवान ने सूकर वनकर हिरण्याक्ष का वध किया और हिरण्यकश्यप का वध करने के लिये भगवान नरसिंह प्रकट हुये। भक्त प्रहलाद की भगवान ने रक्षा की। भगवान कहते हैं कि जैसे एक मां अपने वच्चे का ध्यान रखती है,वैसे ही मैं अपने भक्तों की सदा रक्षा करता हूं।
हम लोग कहते है कि कलिकाल के समय कैसे भक्ति हो,कैसे भजन हो, यदि विचार करें तो हमारी स्थिति प्रहलाद से अच्छी है, प्रहलाद का जन्म तो दैत्याकुल मैं हुआ, फिर भी उनके प्रेम और समर्पण ने भगवान को वुला लिया।
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