
धमाका डिफरेंट: शिक्षा के सरकारी मंदिर से रोते रोते विदा किए गए बच्चों के भाग्यविधाता शिक्षक विनोद जैन
SHIVPURI शिवपुरी। आदर्श, मूल्य, संस्कार खोती जा रही आजकल की शिक्षा में गुरुओं को सम्मान मिलना किसी अचरज से कम नहीं। जो शिक्षक बच्चों के भाग्य विधाता हैं उनका ही बच्चे सम्मान नहीं करते बल्कि उनको अपमानित करने के मौके तलाश करते हैं। बावजूद इस माहौल के आज भी कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो विपरीत हवाओं या कहिए आंधियों में चिराग जलाने का दमखम रखते हैं। वे अध्यापन के साथ साथ एसी नजीर पेश करते हैं की बच्चे उनके मुरीद हो जाते हैं। उनको अपना आदर्श मानने लगते हैं। कुछ इसी तरह का उदाहरण जिले के सुरवाया ग्राम के सरकारी स्कूल में देखने को मिला हैं। अगर इस स्कूल से सेवानिवृत शिक्षक विनोद जैन की विदाई के ये पल वीडियो में कैद नहीं होते तो कोई भी हमारी बात पर शायद यकीन नहीं करता। बच्चे शिक्षक जैन की विदाई पर इस कदर भावुक हुए की उनकी अश्रुधारा बह निकली। रूंधे कंठ और लसखड़ाती आवाज के बीच बच्चों ने अपने गुरु जी को विदाई दी। इन लम्हों को जीने की हसरत शायद हर कोई शिक्षक करता होगा लेकिन उसी के अनुरूप आचरण, हर दिन आंधी, तूफान, गर्मी, बारिश के बाबजूद नियमित स्कूल पहुंचकर अपना सर्वस्व ज्ञान बच्चों को देने के अनूठा काम जो शिक्षक करते हैं उनको शिक्षक विनोद जैन की तरह विदाई के पल नसीब होते हैं। तो आइए देखिए एक कर्मठ शिक्षक के विदाई के पल। जब शिक्षक विनोद जैन सुरवाया के शासकीय स्कूल से विदाई ले रहे थे। ये मर्मस्पर्शी पल उनको ही नहीं बल्कि आपको भी सदैव याद रहेंगे।

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