Bhukamp भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश्त वाला इलाका रहा और इसकी तीव्रत 5.8 मापी गई है। सबसे तेज झटके जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में महसूस किए गए, वहीं दिल्ली-एनसीआर में भी धरती तेज हिली। इसके अलावा पाकिस्तान के कई इलाकों में भी तेज भूकंप ने लोगों को खौफजदा कर दिया था। बताया जा रहा है कि 9 बजकर 34 मिनट पर ये भूकंप आया और इसके दस्तक देते ही लोग काफी डर गए।
क्यों और कैसे आता है भूकंप?
भूगोल (Geography) के मुताबिक धरती के अंदर प्लेटों के आपस में टकराने से भूकंप आने की घटना होती है। धरती के अंदर इस तरह की सात प्लेट्स होती हैं। ये सभी लगातार घूमती रहती हैं। इस दौरान कभी-कभी किसी जगह ये प्लेट आपस में टकराती हैं। इसके बाद वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। प्लेट की सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है। इससे प्लेट्स टूटने लगती हैं। इनके टूटने से अंदर की ऊर्जा बाहर आने लगती है। इससे निर्मित दबाव से धरती हिलती है। इस भौगोलिक घटना को ही भूकंप कहा जाता है।
भारत में बढ़ता दिन ब दिन खतरा
वैज्ञानिकों के मुताबिक पूरा भारतीय उपमहाद्वीप धीरे-धीरे भूकंप वाले खतरनाक क्षेत्र में आता जा रहा है। कब उच्च स्केल का भूकंप आ जाए, कहना मुश्किल है। इसलिए भू-वैज्ञानिक भूकंप से बचने के लिए आम आदमी में सजगता बढ़ाने पर जोर देते रहे हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक दिल्ली, दिल्ली के आसपास और देश का पश्चिम-उत्तर क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेनशील क्षेत्र है। इसलिए हर वक्त, हर उम्र और हर वर्ग के लोगों में सजगता और संवेदनशीलता की जरूरत है। महज ज्यादा तादाद में वेधशालाएं स्थापित करने से उच्च स्तर के भूकंपों से जान माल से पूरी तरह बचाव करना नामुमकिन है। भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती के अंदर दिनोंदिन हलचल बढ़ रही है। पिछले दो सालों में दो दर्जन से ज्यादा भूकंप के छोटे झटके महसूस किए गए। इसी कड़ी में अब शनिवार को भी भूकंप के तेज झटके महसूस कर लिए गए।

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