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"प्रेरणा और प्रगति जब एक साथ जुड़ते हैं तो एक नए युग की नींव पड़ती है। मध्यप्रदेश में रेल मार्ग के दोहरीकरण का लोकार्पण और दो राष्ट्रीय राजमार्गों का शिलान्यास, इसी क्रम की महत्वपूर्ण कड़ी हैं।" : प्रधानमंत्री @narendramodi

शनिवार, 12 अगस्त 2023

/ by Vipin Shukla Mama
पश्चिम मध्य रेल, भोपाल मंडल
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के सागर में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया
*एक सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले संत शिरोमणि गुरुदेव श्री रविदास जी के स्मारक का शिलान्यास किया
*1580 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार होने वाली दो सड़क परियोजनाओं का शुभारंभ किया
*2475 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से दोहरीकरण के बाद कोटा-बीना रेल मार्ग राष्ट्र को समर्पित किया
 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के सागर में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र समर्पित किया। इन परियोजनाओं में एक सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले संत शिरोमणि गुरुदेव श्री रविदास जी स्मारक की आधारशिला रखना, 1580 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार होने वाली दो सड़क परियोजनाओं का शुभारंभ और 2475 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया कोटा-बीना रेल मार्ग राष्ट्र को समर्पित करना शामिल है।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, राज्य के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और श्री वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, संसद सदस्य श्री वी डी शर्मा और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री व अधिकारियों के अलावा अन्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उत्प्रेरणा और उन्नति (प्रेरणा एवं प्रगति) एक साथ आते हैं तो एक नए युग का सूत्रपात होता है। श्री मोदी ने आज से शुरू हुई परियोजनाओं यानी दो सड़क परियोजनाओं और कोटा-बीना रेल मार्ग के दोहरीकरण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ये विकास परियोजनाएं सागर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगी।
 प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी के स्मारक एवं संग्रहालय का शिलान्यास ऐसे समय में हो रहा है, जब देश ने अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं और अगले 25 साल का अमृत काल हमारे सामने है। उन्होंने अपने अतीत से सबक लेने के साथ-साथ मातृभूमि की विरासत को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। यह देखते हुए कि देश ने एक हजार वर्ष की यात्रा पूरी कर ली है, तो ऐसे में प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज में बुराइयों का उभरना एक स्वाभाविक घटना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह भारतीय समाज की ताकत ही है, जिसकी वजह से रविदास जी जैसे संत या महात्मा ऐसी बुराइयों को दूर करने के लिए बार-बार अवतरित होते हैं। 
प्रधानमंत्री मोदी ने जीवन में शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में पुस्तकों, छात्रवृत्तियों और मध्याह्न भोजन की एक मजबूत प्रणाली के साथ 700 एकलव्य विद्यालयों को संचालित किया जा रहा है। श्री मोदी ने लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों हेतु छात्रवृत्ति, मुद्रा ऋण के तहत बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदाय के सदस्यों को ऋण जैसे उपायों के बारे में भी बताया। उन्होंने स्टैंडअप इंडिया के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के युवाओं को 8 हजार करोड़ रूपये की वित्तीय मदद तथा बिजली, पानी एवं गैस कनेक्शन के अलावा प्रधानमंत्री आवास के साथ 90 वन उत्पादों को एमएसपी के तहत शामिल करने का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोग आज अपने पैरों पर खड़े हैं और उन्हें समाज में समानता के साथ उचित स्थान भी मिल रहा है।
भारतीय रेल द्वारा मध्य प्रदेश में भी रेल इंफ्रास्ट्रक्चर का निरंतर विकास किया जा रहा है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के राज्यों की विभिन्न परियोजनओं  के अंतर्गत बीना–कोटा रेलखण्ड दोहरीकरण परियोजना को भी पूर्ण किया गया है। यह परियोजना मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्यों को विकास में गति प्रदान करने हेतु महत्वपूर्ण एवं अतिआवश्यक परियोजना है। इस मार्ग पर कोयले का परिवहन सिंगल लाईन की क्षमता से अधिक होने के कारण इस मार्ग का दोहरीकरण अत्यंत आवश्यक था। रेलखण्ड दोहरीकरण परियोजना की शुरूआत से इस मार्ग में कोयले के निर्बाध परिवहन एवं यात्री गाड़ियों की समयपालनता एव सुगम संचालन में बढ़ोत्तरी होगी। इसके आलावा यह मार्ग पूर्वी भारत की कोयला खदानों से पश्चिमी क्षेत्र में स्थित थर्मल पावर प्लांटों में कोयला आपूर्ति हेतु मुख्य मार्ग के लिए मील का पत्थर साबित होगी। 
उलेखनीय है कि बीना-कोटा रेलखण्ड दोहरीकरण परियोजना कि कुल लम्बाई 288 किमी और लगभग 2476 करोड़ रूपये की लागत से पूर्ण किया गया है। लगभग 288 किमी. लंबी इस परियोजना का लगभग 139 किमी. भाग मध्य प्रदेश तथा लगभग 149 किमी. भाग राजस्थान राज्य के अंतर्गत आता है। इस दोहरीकरण रेलखण्ड पर कुल 39 स्टेशनों के साथ ही 32 मेजर (बड़े) ब्रिज तथा 202 माइनर (छोटे) ब्रिज बनाये गए इसके साथ ही 04 रोड अंडर ब्रिज एवं 43 लेवल क्रॉसिंग का निर्माण किया गया है।
*पृष्ठभूमि
प्रमुख संतों एवं समाज सुधारकों का सम्मान करना प्रधानमंत्री के कार्यों की विशेष पहचान रही है। उनके दृष्टिकोण से प्रेरित होकर संत शिरोमणि गुरुदेव श्री रविदास जी स्मारक का निर्माण 11.25 एकड़ से अधिक क्षेत्र में और एक सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है। इस भव्य स्मारक में संत शिरोमणि गुरुदेव श्री रविदास जी के जीवन, दर्शन व शिक्षाओं को प्रदर्शित करने के लिए वैभवशाली कला संग्रहालय और गैलरी होगी। इस स्मारक में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भक्त निवास, भोजनालय आदि सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
प्रधानमंत्री ने कोटा-बीना रेल मार्ग के दोहरीकरण वाली परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। 2475 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से बनी यह परियोजना राजस्थान के कोटा और बारां जिलों तथा मध्य प्रदेश के गुना, अशोकनगर एवं सागर जिले से होकर गुजरती है। अतिरिक्त रेल लाइन बेहतर गतिशीलता के लिए क्षमता में वृद्धि करेगी और इस रेल मार्ग पर रेलगाड़ी की गति बढ़ाने में सहायता करेगी।
प्रधानमंत्री ने 1580 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली दो सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें मोरीकोरी-विदिशा-हिनोतिया को जोड़ने वाली एक चार-लेन सड़क परियोजना और एक अन्य सड़क परियोजना शामिल है, जो हिनोतिया को मेहलुवा से जोड़ेगी।













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