* आदिवासियों को पट्टे देना प्राथमिकता
* दबंग के आरोप पर बोले, किसी के कहने से कुछ नहीं होता जनता सब जानती है, पिछोर, बामोरकला, खनियाधाना के वैश्य समाज से पूछिए हमारी छवि
* बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए नेताओं ने बनाई दूरी के सवाल पर बोले केपी, मैं किसी को यहां साधने नहीं आया। मैं यहां पर जनता को साधने आया हूं। बीते 30 सालों से कांग्रेस यहां पर नहीं जीत पाई है। 30 साल के बाद अब जनता कांग्रेस को जिताएगी मुझे उम्मीद है।(प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक गणेशराम गोतम, हरि बल्लभ शुक्ला, प्रदेश पदाधिकारी श्री प्रकाश शर्मा, जिनेश जैन, रज्जू गर्ग आदि मोजूद थे)
* जब उनसे पूछा की खेल मंत्री सिंधिया से उनके अच्छे संबंध हैं इसलिए वे प्रचार करने नहीं आएंगी। तो केपी बोले, अच्छे संबंध होना अच्छी बात है। हर व्यक्ति के किसी न किसी से अच्छे संबंध होते हैं आपके भी होंगे इसमें बुराई क्या।
* टिकिट पिछोर की बजाय शिवपुरी से देने पर कहा हाईकमान का निर्णय।
* पिछोर सीट छोड़ने पर कहा जिस जनता ने मुझे तीस साल तक अपना प्यार दिया उससे दूर हुआ तो दुखी तो हूं लेकिन यकीन दिलाता हूं की जनता ने सेवा का अवसर दिया तो शिवपुरी के साथ पिछोर की भी उतनी ही चिंता करूंगा।
बता दें की बुधवार को शिवपुरी में कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह ने अपने आवास पर आज प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। उन्होंने पहली बार मीडिया से बात की। मीडिया के कई सवालों के जवाब सीधे सीधे नहीं दिये। 30 सालों से आप पिछोर से विधायक हैं पिछोर में कितने काम हुए तो उन्होंने कहा कि कार्यकाल लंबा है, धरातल पर जाकर देखिए, पिछोर में क्या विकास हुआ है।
पिछोर छोड़ने के सवाल पर भावुक हुए केपी सिंह
पिछोर छोड़ने के सवाल पर केपी सिंह ने कहा कि जनता ने मुझे छह चुनाव जिताए हैं और मेरा जन्म स्थान शिक्षा और कॉलेज पिछोर से हुआ है ऐसे में पिछोर छोड़ना मेरे लिए बहुत कष्ट प्रद रहा है। इसमें मेरी पसंद का कोई सवाल नहीं होता पार्टी जो फैसला लेती है उसको मनाना पड़ता है। केपी सिंह ने कहा कि व्यक्ति का कर्म प्रधान होता है। आपको जहां भी काम करने को मिले जहां भी जनसेवा करने का अवसर मिले वहां करना चाहिए इसमें दुख सुख की बात कतई नहीं है।
केपी सिंह की सबसे पहली प्राथमिकता मां बलारी माता मंदिर के रास्ते की समस्या को सुलझाना
केपी सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता व्यक्तिगत तौर पर मां बलारी माता मंदिर के रास्ते को निकालने का प्रयास होगा। जिसमें वन संरक्षण अधिनियम का भी उल्लंघन ना हो। और वहां के आमजन को आने जाने में सुविधा हो जाए।
मनमोहन सिंह सरकार में हुए आदिवासियों के पट्टे को अमल करना सबसे बड़ी प्राथमिकता
मनमोहन सिंह की सरकार में पट्टे अधिनियम के तहत पट्टे दिए गए थे बहुत सारे आदिवासी आज भी जिनके ठीक परीक्षण नहीं हुए। शायद पट्टे रह गए हो यह अमल नहीं हो पाए हैं उनको पट्टे दिलाना और उनके जो पट्टे हैं उनको अमल करना सर्वोच्च प्राथमिकता में रहेगा। केपी सिंह ने बताया कि उनके जीवन में संपर्क, सकारात्मक सोच, संवेदनशीलता का विशेष महत्व रहा है और इसी के आधार पर वह चुनाव लड़ते हैं। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर बात की।

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