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धमाका साहित्य कॉर्नर: "बाल साहित्य" पर मध्यप्रदेश हिंदी लेखक संघ की गोष्ठी संपन्न

मंगलवार, 28 नवंबर 2023

/ by Vipin Shukla Mama
Bhopal।  भोपाल के हिंदी भवन में मध्य प्रदेश हिंदी लेखक संघ की ओर से "बाल साहित्य पर गोष्ठी" बीते रोज संपन्न हुई। इस मौके पर शिवपुरी के साहित्य हस्ताक्षर प्रमोद भार्गव ने किशोरों पर लिखी गई अपनी नई कहानी "जंगल में ज्ञान का पाठ" का वाचन किया।
इस अवसर पर बैठे अतिथियों ने प्रस्तुत रचनाओं की समीक्षा भी की। महेश सक्सेना ने कहा कि, "बाल साहित्य में विषयों की पुनरावृत्ति बहुत दिखाई दे रही है । आवश्यकता इस बात की है कि बाल साहित्यकार नये विषयों पर कलम चलायें । विज्ञान, पर्यावरण, एवं बच्चों से संबंधित सम सामयिक विषयों पर  भी लिखा जाना चाहिए ।" वरिष्ठ बाल साहित्यकार महेश सक्सेना मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा आयोजित प्रादेशिक बाल साहित्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे । आपने अपनी कविताएँ "आटो वाले अंकल और " अट्टू बट्टू" का पाठ किया । गोष्ठी की सारस्वत अतिथि बाल भास्कर की संपादक इन्दिरा त्रिवेदी ने कहा कि बाल साहित्य बच्चों के लिए शिक्षाप्रद, ज्ञानवर्धक और स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने के साथ ही बालमन में उठने वाली जिज्ञासाओं को शांत करने वाला होना चाहिये । जब उनकी उम्र के अनुसार, उनकी रुचि के अनुसार कोई चीज उन्हें मिलेगी तो वे अवश्य उस ओर आकृष्ट होंगे। संघ के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राम वल्लभ आचार्य ने कहा कि हमें बच्चों के संबंध में लिखी गयी और बच्चों के लिये उनके मानसिक स्तर पर लिखी गयी रचनाओं का अन्तर समझने की आवश्यकता है । आपने अपनी शिशु कविताएँ तथा बाल गीत "आये अपने मौसाजी" सुनायीं । । गोष्ठी में आमंत्रित बाल साहित्यकार डाॅ. प्रमोद भार्गव ने अपनी कहानी "जंगल में ज्ञान का पाठ", डाॅ. मालती बसंत ने कहानी " बोलते पत्थर", अनिल अग्रवाल ने कहानी "संकल्प से सिद्धि" तथा श्रीमती कीर्ति श्रीवास्तव ने कहानी "गोल्डी" सुनाकर सार्थक संदेश दिया ।
डाॅ. प्रीति प्रवीण खरे के सुरुचिपूर्ण संचालन किया तथा अपनी बाल नाटिका "खेलो इंडिया खेलो" का वाचन किया । डाॅ. पुष्पा चौरसिया ने बालगीत "छोटे से आँगन में लगाया पेड़" तथा बन्दर को हो गया जुकाम", डाॅ. क्षमा सिसोदिया ने कविता "आओ बच्चों तुम्हें सिखायें" तथा डाॅ. आशा पाण्डेय ने कविता "धूप खिली कभी बादल छाये" का पाठ कर सराहना प्राप्त की । शिवकुमार दीवान की कविता "छुक छुक कर रेल चली", अरविन्द शर्मा की कविता "गोल गोल है रेल का पहिया, गोल गोल है रोटी" तथा श्रीमती राजकुमारी चौकसे प्रेरणा कि कविता *अपनी माँ एवं वीर सिपाही" काफी पसंद की गयीं  ।
प्रारंभ में अतिथियों द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर माल्यर्पण के पश्चात प्रादेशिक उपाध्यक्ष श्री ऋषि श्रंगारी द्वारा स्वागत वक्तव्य दिया गया । अंत में श्री गोकुल सोनी द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया ।











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