शिवपुरी। समाज के विकास में महिलाओं और पुरुषों दोनों का अहम योगदान है। विश्व भर में महिला सशक्तिकरण पर बल दिया जाता है लेकिन पुरुषों के स्वास्थ्य और उन्नति पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। पुरुषों के मानसिक विकास, सकारात्मक गुणों की सराहना और लैंगिग समानता के उद्देश्य से हर साल 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। इसी उद्देश्य को लेकर शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा ग्राम दादौल के आदिवासी समुदाय में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमे की संयोजक रवि गोयल ने बताया की इंटरनेशनल मेन्स डे हर साल 19 नवंबर को 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने के पीछे का कारण है पुरुषों की वेल बिंग, उनके हेल्थ और लाइफ के स्ट्रगल को जानना और उस पर बात करना। उन्होंने कहा की हर साल ये सेलिब्रेशन एक थीम के साथ मनाया जाता है और यह कोशिश की जाती है कि इस थीम को ग्राउंड लेवल पर लागू किया जाए। इस वर्ष इस खास दिन के लिए जीरो मैन सुसाइड थीम रखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल 76 प्रतिशत पुरुष आत्महत्या करते है जिसमे 15 से 45 उम्र के पुरुष शामिल है हर पांच मिनट में 4 से 5 पुरुष सुसाइड कर रहें है। जो की चिंता की बात है इस मुद्दे पर कोई बात चीत नही की जाती है आज पहली बार शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा ये मुद्दा समुदाय के बीच उठाया गया । सामाजिक कार्यकर्ता करण लक्ष्याकार ने कहा की हम अपनी लाइफ में स्त्रियों के योगदान को थैंक यू बोलने के लिए वीमेन डे, मदर्स डे और सिस्टर डे के रूप में सेलिब्रेट करते हैं लेकिन हम अक्सर अपने लाइफ के पुरुषों जैसे हमारे पिता, भाई, पार्टनर, दोस्तों के योगदान को सेलिब्रेट करना भूल जाते हैं। लेकिन इंटरनेशनल मेन्स डे के जरिए हम अपने लाइफ के बेहद जरूरी हिस्से को थैंक यू बोलने का प्रयास कर सकते हैं। बात अगर इतिहास की हो तो इंटरनेशनल मेन्स डे को पॉपुलैरिटी तब मिली जब 1999 में वेस्ट इंडीज यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री के प्रोफेसर डॉ. जेरोम टीलकसिंह ने इस दिन की स्थापना की। उन्होंने 19 नवंबर को अपने पिता की जयंती मनाने के लिए चुना था। उन्होंने लोगों से कि आग्रह किया कि लड़कों और पुरुषों से संबंधित मुद्दों को बात की जाए। उसके बाद से ही यह हर साल बड़े पैमाने पर मनाया जाने लगा। ललित एवम साहब सिंह ने बताया की इस खास दिन का महत्व मेल रोल मॉडल को पहचानना और उन्हें प्रोत्साहित करना है। यह बेहद जरूरी है कि इस खास दिन उन जरूरी मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जाना चाहिए जिसे पुरुष हर क्षेत्र में हर दिन फेस कर रहे हैं। यह खास दिन जेंडर रिलेशन को सुधारने और जेंडर इक्वलिटी को बढ़ावा देने पर भी जोर देता है। धर्म गिरी ने कहा की अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के खास दिन पर अपने जीवन के हीरो के महत्व को जानें और अपनी जिंदगी में उनके योगदान की सराहना करें। आप अपने पिता से या अपने भाई से या अपने पार्टनर से उनके लाइफ के स्ट्रगल के बारे में उनसे बात करें और यह जानने की कोशिश करें कि आप उनकी मदद कैसे कर सकते हैं। अगर आप उनसे बात करेंगे तो वे बेझिझक अपनी समस्याएं आपसे शेयर कर पाएंगे। प्रोग्राम में आधा सैकड़ा समुदाय की महिला पुरुषों के साथ फ्रंटलाइन वर्कर ने भाग लिया।

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