आधुनिकता के इस दौर में दुनिया को विश्व स्तर पर संचार के माध्यम से परस्पर जोड़ने की एक मूल्यवान संपत्ति है कम्प्यूटर। कम्प्यूटर का ज्ञान मौजूदा परिवेश में साथियों, विशेषज्ञों और संसाधनों से जुड़ने में सक्षम बनाता है। छात्रों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाकर उन्हें एक वैश्विक समाज के लिए तैयार करता है। नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए कंम्प्यूटर शक्तिशाली उपकरण होने के साथ ही वरदान साबित हो रहा है। कम्प्यूटर वर्तमान ही नहीं भविष्य भी है। कम्प्यूटर अब मानव जीवन का अंग बन गया है इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस पर कम्प्यूटर के प्रभाव और उसकी उपयोगिता को दर्शाती खास रिपोर्ट।*डॉ. केशव पाण्डेय*
दुनियाभर में दो दिसंबर को विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है। यह कम्प्यूटर शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और दुनिया भर में व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाने में इसकी भूमिका का उत्सव है। चार्ल्स बेबेज का यह एक ऐसा चमत्कारी और क्रांतिकारी आविष्कार है, जिसने अकेले ही दुनिया की दशा और दिशा बदल दी है। हालांकि जब 1822 में पहला कम्प्यूटर बना था तब वह काफी बड़ा था और अत्याधिक सुविधाएं मौजूद नहीं थीं। लेकिन समय के साथ यह भी स्मार्ट होता गया। आधुनिक युग में कम्प्यूटर पर एडवांस सुविधाएं दी जानें लगी हैं। आज जिस कम्प्यूटर पर हम गेम्स खेल सकते हैं, मूवी देख सकते हैं और देश-विदेश के समाचार प्राप्त कर सकते हैं, इस सब के पीछे चार्ल्स बैबेज का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
शिक्षा एक अधिकार है और कम्प्यूटर शिक्षा भी एक अधिकार है। कम्प्यूटर साक्षरता दिवस हमें इस बुनियादी अधिकार की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने में मदद करता है। कम्प्यूटर सिर्फ वर्तमान ही नहीं बल्कि भविष्य भी है और इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आधुनिक डिजिटल युग में तरक्की पाने के लिए युवाओं के लिए अच्छा कम्प्यूटर ज्ञान अब एक विकल्प नहीं बल्कि एक मूलभूत आवश्यकता है।
कम्प्यूटर के महत्व और जीवन में इसके प्रभाव को देखते हुए राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटीटी) ने 2001 में विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाने की प्रथा शुरू की। कंपनी ने संस्थान की 20वीं वर्षगांठ के जश्न के लिए यह दिन मनाया, इसका मुख्य उद्देश्य आईटी का अलख जगाना था।
परिणाम स्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उपस्थिति में 2002 में डिजिटल साक्षरता का संदेश फैलाने के लिए संसद के कई सदस्यों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया गया था। ताकि कम्प्यूटर ज्ञान की पहुंच में सुधार करके दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले वैश्विक डिजिटल विभाजन को दूर किया जा सके।
एनआईआईटी ने भारत के निचले स्तर के क्षेत्रों में कई स्कूलों के साथ साझेदारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे। जिससे छात्रों को उचित कम्प्यूटर शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिल सके। 40 साल पहले जब एनआईआईटी की शुरुआत हुई थी, तब इसका ’लोगों और कम्प्यूटरों को एक साथ लाने’ का एक बहुत ही सरल मिशन था, जो दशकों से ’लोगों को उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में मदद करने’ के व्यापक विषय के रूप में विकसित हुआ।
क्योंकि प्रगति और भविष्य को अपनाने के लिए कम्प्यूटर साक्षरता आवश्यक शिक्षा है। समय के साथ, एनआईआईटी ग्रामीण भारतीयों की मदद करके इस पहल को आगे बढ़ाने में सक्षम हो गया। जल्द ही दुनिया भर में हजारों शिक्षार्थियों द्वारा गले लगाए जाने वाले एक आंदोलन में बदल गया
नतीजन कम्प्यूटर का प्रभाव तेजी से बढ़ा और यह कार्यालयों के साथ ही घरों में अपनी पहुंच बनाने लगा। कम्प्यूटर अब मनुष्य की जरूरत बन चुका है क्योंकि इसके बिना ऑनलाइन किए जाने वाले समस्त कार्य अधूरे हैं। जब से कम्प्यूटर का युग आया है तब से मनुष्य का काम आसान हो गया है।
21वीं सदी में अच्छा कम्प्यूटर ज्ञान रखना अब छात्रों के लिए एक विलासिता नहीं बल्कि एक मूलभूत आवश्यकता है। शिक्षा में प्रौद्योगिकी का एकीकरण सर्वव्यापी हो गया है।
सोशल मीडिया, ऑनलाइन फ़ोरम और सहयोगी प्लेटफ़ॉर्म अंतर-सांस्कृतिक संचार की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। कम्प्यूटर की मदद से आज लोग घर बैठे मूवी टिकट, बस टिकट, ट्रेन टिकट और हवाई जहाज का टिकट बुक कर लेते हैं। कम्प्यूटर अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। जिसके माध्यम से आज हर कोई क्षण भर में अपना काम पूरा कर लेता है। कम्प्यूटर पर दस्तावेज बनाना हो या मनोरंजन के उद्देश्य से इसका उपयोग करना हो वह सब इसमें मुमकिन है।
दुनियाभर में आज जैसे-जैसे वैश्विक नौकरी बाजार विकसित हो रहा है, डिजिटल कौशल लगभग हर क्षेत्र में रोजगार के लिए एक शर्त बन गया है। कम्प्यूटर का बेहतर ज्ञान रखने वाले देश-दुनिया में अच्छा रोजगार पा रहे हैं।
कम्प्यूटर आज घर व ऑफिस में मनोरंजन, डीजे, फिल्म निर्माण, वीडियो एडिटिंग, बैंकिंग, रेलवे, नेट बैंकिंग, व्यवसास, चिकित्सा, पत्रकारिता, मार्केटिंग, खेल, विज्ञान और अनुसंधान के अलावा संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो गया है। इसके बिना अब जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
कम्प्यूटर साक्षरता वाले छात्र अनुसंधान, सहयोग और स्व-निर्देशित सीखने के लिए इंटरनेट की शक्ति का उपयोग कर रहे हैं। ऑनलाइन शैक्षिक संसाधन, इंटरैक्टिव ट्यूटोरियल और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म छात्रों को पारंपरिक पाठ्यपुस्तकों से परे प्रचुर मात्रा में जानकारी प्रदान करते हैं। प्रोग्रामिंग, डेटा विश्लेषण और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में दक्षता सॉफ्टवेयर विकास से लेकर डिजिटल मार्केटिंग तक कई प्रकार के व्यवसायों के लिए द्वार खोलती है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम सब कम्प्यूटर साक्षरता के महत्व को स्वीकारें और परिवर्तन की दिशा में बेहतर कार्य करें। क्योंकि दुनिया को शक्तिशाली बनाने का महत्वपूर्ण शस्त्र है कम्प्यूटर।

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