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धमाका बड़ी खबर: पॉलिसी लागू, सरकारी हो या निजी, MP के स्कूलों में सप्ताह के एक दिन बिना बैग के बच्चे जायेंगे स्कूल

बुधवार, 21 फ़रवरी 2024

/ by Vipin Shukla Mama
Bhopal भोपाल। MP के स्कूलों में सप्ताह में एक दिन बिना बैग के बच्चे स्कूल जाया करेंगे। मध्यप्रदेश में कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूलों में हफ्ते में एक दिन नो बैग डे होगा। साथ ही दूसरी कक्षा तक होम वर्क भी नहीं दिया जायेगा। यह व्यवस्था सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लागू होगी। शिक्षा विभाग ने ये नई पॉलिसी लागू कर दी हैं। पहली कक्षा के स्टूडेंट के स्कूल बैग का अधिकतम वजन 2 किलो 200 ग्राम होगा। जबकि 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स के बस्ते का अधिकतम वजन 4.5 किलोग्राम होगा। लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल के बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करने के लिए सख्ती दिखाई है। 
सख्ती के साथ लागू होगी पॉलिसी
आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव ने नए शैक्षणिक सत्र (2024-25) से स्कूल बैग पॉलिसी का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा है कि हफ्ते में एक दिन बच्चों को बगैर बैग के बुलाया जाए और उनसे व्यावसायिक कार्यानुभव से संबंधित गतिविधियां कराई जाएं, ताकि उनकी व्यवसायिक क्षेत्र में रुचि और ज्ञान बढ़े।
यह भी तय किया है कि पहली से दूसरी कक्षा तक के स्टूडेंट्स की अभ्यास पुस्तिकाएं, वर्क बुक और अन्य आवश्यक सामग्री स्कूल में ही रखने की व्यवस्था की जाएगी।
बता दें कि विभाग ने 2020 में यह पॉलिसी जारी की थी, जिसका अब कड़ाई से पालन कराया जाएगा। यह व्यवस्था सभी (सरकारी, निजी और अनुदान प्राप्त स्कूल) पर लागू होगी। 
किस कक्षा में बैग का कितना वजन
कक्षा     वजन
पहली 1.6 से 2.2 किग्रा
दूसरी 1.6 से 2.2 किग्रा
तीसरी 1.7 से 2.5 किग्रा
चौथी 1.7 से 2.5 किग्रा
पांचवीं 1.7 से 2.5 किग्रा
छठवीं 2.0 से 3.0 किग्रा
सातवीं 2.0 से 3.0 किग्रा
आठवी 2.5 से 4.0 किग्रा
नवमी 2.5 से 4.5 किग्रा
दसवीं 2.5 से 4.5 किग्रा
11वीं-12वीं शाला प्रबंधन समिति तय करेगी।पॉलिसी के तहत पहली के विद्यार्थी के बस्ते का बोझ 1.6 से 2.2 किलो ग्राम और 10वीं के विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ 2.5 से 4.5 किलो ग्राम से अधिक नहीं रखा जा सकेगा।
कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थियों को प्रति हफ्ते 2 घंटे, छठवीं से आठवीं के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 1 घंटे और नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 2 घंटे का होम वर्क दिया जाएगा। स्कूल को नोटिस बोर्ड पर बस्ते के बोझ का चार्ट प्रदर्शित करना होगा। इस पर स्कूल की शाला प्रबंधन समिति नजर रखेगी। समिति इस तरह से समय सारणी तैयार करेगी कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन सभी पुस्तकें/ कॉपियां नहीं लानी पड़े और बस्ते का वजन भी नियंत्रित रहे।
ये कक्षा बिना पुस्तक के लगाई जाएंगी
कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, खेल और कला की कक्षाओं में पुस्तकें लाना अनिवार्य नहीं होगा। विभाग ने साफ कहा है कि यह कक्षाएं बगैर पुस्तकों के ही लगाई जाएं।
DEO हर तीन माह में करेंगे बस्ते की जांच
स्कूल बैग पॉलिसी के मुताबिक ही बस्ते का वजन हो, यह देखने और नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को सौंपी गई है। वे प्रत्येक तीन माह में विद्यार्थियों के बस्ते की रैंडम जांच करेंगे।

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