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न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने ई रिक्शा के प्रकरण में विहर्ष ट्रेडर्स ग्वालियर के विरुद्ध सुनाया फैंसला, अपना घर आश्रम के आवेदन पर की सुनवाई

बुधवार, 21 फ़रवरी 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, शिवपुरी (म.प्र.) के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, सदस्य श्रीमती अंजू गुप्ता, सदस्य-राजीव कृष्ण शर्मा ने आवेदक अपना घर आश्रम्, शिवपुरी ग्राम बांसखेडी शारदा सॉल्वेंट के पास शिवपुरी मप्र द्वारा अध्यक्ष रमेश चन्द्र अग्रवाल पुत्र श्री परसादीलाल अग्रवाल निवासी बदरवास जिला शिवपुरी के प्रकरण में अनावेदक विहर्ष ट्रेडर्स gwalior ग्वालियर के विरुद्ध फैंसला सुनाया हैं।उक्त मामले में आवेदक अपना घर आश्रम की ओर से पैरवी एडवोकेट संजीव बिलगइयां ने की। प्रकरण इस प्रकार हैं की आवेदक ने अनावेदक से नवीन ई-रिक्शा अथवा 1,31,000 रूपये भुगतान दिनांक 07.03.22 से मय ब्याज सहित तथा अनावेदक द्वारा ई-रिक्शा रिपेयरिंग हेतु प्राप्त की गई राशि 5,000 रूपये वापस प्रदान करने एवं क्षतिपूर्ति हेतु यह परिवाद धारा 35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत पेश किया। परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि अपना घर आश्रम शिवपुरी, निर्धन रोगी, विकलांग, वृद्ध एवं विक्षिप्त असाहाय व्यक्तियों का आवासीय आश्रम संचालित करने वाली सेवा भावी संस्था है। संस्था के अध्यक्ष रमेश चन्द्र अग्रवाल है। अपना घर आश्रम के लिए जनहित कार्य उपयोग हेतु अनावेदक कंपनी से ई-रिक्शा रेड कलर, चैसिस नंबर MD9LASC022233 दिनांक 07.03.22 को 1,31,000 रूपये में कय किया था। उक्त थी व्हीलर ई-रिक्शा कय दिनांक से एक माह बाद ही खराब हो गया उसके शॉकर लीक है, चार्जिंग पॉइन्ट तथा बैटरी खराब है, शॉकर के पास 7 की जगह केवल 5 पटे लगे है जो त्रुटिपूर्ण होकर तिरछे है, चार्जिग मीटर त्रुटिपूर्ण है जो सही मायलो मीटर डिसप्ले पर नही दिखाता है। वाहन के त्रुटिपूर्ण होने के संबंध में कई बार शिकायत की गई। अनावेदक कंपनी द्वारा वारण्टी अवधि में रिपेयरिंग के नाम पर अपने प्रतिनिधि के माध्यम से अलग-अलग कुल 5000 रूपये आवेदक से प्राप्त कर लिये है जो अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस है। आवेदक संस्था को विक्रय किया गया ई-रिक्शा पूर्णतः त्रुटिपूर्ण है इस संबंध में आवेदक संस्था ने अनावेदक को दिनांक 25.07.22 को सूचना पत्र प्रेषित किया परंतु अनावेदक द्वारा आवेदक की शिकायत का कोई निराकरण नहीं किया और ना ही सूचना पत्र का जबाव दिया। इस कारण आवेदक ने इस आदेश के पद कमांक 1 में वर्णित सहायता प्राप्त करने हेतु यह परिवाद पेश किया।
अनावेदक सूचना तामील उपरांत उपस्थित नहीं हुआ। उसकी ओर से परिवाद का जबाव पेश नहीं किया गया इस कारण उसके विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गई। 
फोरम ने समक्ष प्रमुख रूप से विचारणीय प्रश्न यह है कि क्या अनावेदक ने आवेदक संस्था को त्रुटिपूर्ण ई-रिक्शा विक्रय कर सेवा में कमी है ?
 आवेदक का कहना है कि अनावेदक कंपनी से ई-रिक्शा रेड कलर, चैसिस नंबर MD9LASC022233 दिनांक 07.03.22 को 1,31,000 रूपये में कय किया था। उक्त थी व्हीलर ई-रिक्शा क्रय दिनांक से एक माह बाद ही खराब हो गया उसके शॉकर लीक हैं चार्जिंग पॉइन्ट तथा बैटरी खराब है, शॉकर के पास 7 की जगह केवल 5 पटे लगे हैं जो त्रुटिपूर्ण होकर तिरछे हैं, चार्जिग मीटर त्रुटिपूर्ण है जो सही मायलो मीटर डिसप्ले पर नहीं दिखाता है। वाहन के त्रुटिपूर्ण होने के संबंध में कई बार शिकायत की गई। अनावेदक कंपनी द्वारा वारण्टी अवधि में रिपेयरिंग के नाम पर अपने प्रतिनिधि के माध्यम से अलग-अलग कुल 5000 रूपये आवेदक से प्राप्त कर लिये है जो अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस है। आवेदक की ओर से परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र सहित, दिनांक 25.07. 2022 को अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिये गये नोटिस की प्रति प्रदर्श ए-1, वाहन क्रय करने का बिल की प्रति प्रदर्श ए-2 पेश किया है। आवेदक की ओर से प्रस्तुत की गई साक्ष्य का कोई खण्डन अनावेदक की ओर से नहीं किया गया है इस कारण अनावेदक द्वारा प्रस्तुत की गई साक्ष्य पर अविश्वास करने का कोई आधार नहीं है। अतः आवेदक की ओर से प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करते हुए अनावेदक के विरूद्ध निम्न आदेश पारित किया। अनावेदक आज दिनांक से एक माह के अंदर आवेदक द्वारा क्रय किये गये वाहने ई-रिक्शा में उत्पन्न हुई खराबियों को संपूर्ण रूप से निःशुल्क सुधार आवेदक को प्रदान करे यदि वाहन ई-रिक्शा में उत्पन्न हुई खराबियों ठीक न हो तो उसी मॉडल का नवीन वाहन ई-रिक्शा आवेदक को प्रदान करे और यदि उसी मॉडल का वाहन ई-रिक्शा देना संभव न हो तो वाहन ई-रिक्शा की कीमत 1,31,000 रूपये का भुगतान करे एवं उक्त राशि पर वाहन कय दिनांक 07.03.2022 से अदायगी दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करेंगें।
(ब) अनावेदक आज दिनांक से एक माह के अंदर आवेदक को हुई शारीरिक, मानसिक परेशानी के लिए 8,000 रूपये एवं परिवाद व्यय हेतु 2,000 रूपये अर्थात कुल 10,000 रूपये अदा करे। उक्त राशि एक माह के अंदर अदा न करने पर एक माह पश्चात से अदायगी दिनांक तक उक्त राशि पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देय होगा। उक्त मामले में आवेदक अपना घर आश्रम की ओर से पैरवी एडवोकेट संजीव बिलगइयां ने की।










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