मुख्य वक्ता डॉ. सप्रे जी ने "भारत में उत्थान में युवाओं की भूमिका" विषय पर छात्रों के साथ संवाद किया।
डॉ. सप्रे जी ने बताया कि कैसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने छोटी सी आयु में राष्ट्र धर्म को अपना धर्म मानकर अपने आपको महापुरुष बनाया। स्वामी विवेकानन्द जी ने अमेरिका में भाषण देकर भारत के युवाओं की शक्ति को दिखाया। "इतिहास का निर्माण वो ही करते हैं जो संकल्पबद्ध होते हैं"। भारत के ग्रंथ, पुराणों मे विश्व के सभी अभियांत्त्रिकी विषयों का ज्ञान छिपा है। छात्रों से संवाद कर कहा -"जिस भी कार्य को करे उत्कृष्टता से करें। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अल्प जीवन मे अनेक शौर्य, पराक्रम के साथ विजय प्राप्त की और राष्ट्र के प्रति सदैव सजग रहे।
संस्था के प्रमुख डॉ .राकेश सिंघई जी ने डॉ. सप्रे जी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम प्रभारी नम्रता गुप्ता, मीडिया प्रभारी श्रीमति भव्या शुक्ला आदि उपस्थित रही।

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