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धमाका धर्म: अष्टान्हिका महापर्व, श्री नंदीश्वर जिनालय खनियांधाना में समाधि-साधना प्रशिक्षण शिविर एवं रत्नत्रय मंडल विधान प्रारम्भ

रविवार, 17 मार्च 2024

/ by Vipin Shukla Mama
खनियांधाना। जैन समाज द्वारा वर्ष में तीन बार मनाए जाने वाले अष्टान्हिका महापर्व के अवसर पर खनियाधाना के दर्शनीय श्री नंदीश्वर जिनालय चेतन बाग़ पर दिनांक 17 मार्च से 25 मार्च तक समाधि-साधना प्रशिक्षण शिविर एवं श्री रत्नत्रय महामंडल विधान का आयोजन आज से प्रारम्भ हो गया जिसमें स्थानीय जैन समाज के अलावा देश के अन्य शहरों से जैन धर्म श्रद्धालु शामिल हुए जो लगातार आठ दिनों तक जिनेंद्र प्रक्षाल , पूजन ,  प्रवचन , कक्षा तथा विधान के माध्यम से धर्म आराधना करेंगे । इस आयोजन में अंतरराष्ट्रीय विद्वान बाल ब्र. पं. सुमत प्रकाश जी का मंगल सानिध्य मिलेगा तथा विधानाचार्य पं. महेंद्र जी शास्त्री अमायन होंगे जिनके द्वारा सभी धार्मिक विधि संपन्न कराई जाएंगी ।अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के सचिन मोदी द्वारा बताया गया कि आज कार्यक्रम के प्रथम दिन प्रातःकाल में नंदीश्वर जिनालय से आयोजन स्थल तक जिनेंद्र शोभायात्रा निकाली गई जिसमें भानु जैन चौधरी को श्री जी विराजमान करने का सौभग्य मिला ।  कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर नरेश जैन राहुल जैन मिठया परिवार द्वारा झंडा रोहण किया गया तथा वत्सल परिवार द्वारा शिविर उदघाटन किया गया ।  बेदी के सामने सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा मंगल कलश विराजित किए गए तथा जिनवाणी विराजमान की गई । इसके बाद भक्ति संगीत पूर्वक पूजन विधान का आयोजन हुआ तथा प्रवचनों का लाभ भी मिला ।आयोजन के प्रमुख स्नातक शास्त्री परिषद के अध्यक्ष विकास जैन शास्त्री एवं अंकित सरल ने बताया कि  जैन समाज में पहली बार समाधि साधना सेवक का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आठ दिनों तक यह प्रशिक्षण दिया जाएगा कि किस प्रकार निर्यापक बनकर किसी छपक की समाधि कराई जाती है  । शिविर की रूपरेखा समझाते हुए प्रवचनों में बाल ब्र. सुमत प्रकाश जी ने बताया की आमतौर पर यह माना जाता है की मृत्यु के अंतिम समय में किसी को धर्म से जोड़ना ही समाधि कहलाती है जबकि समाधि तो सतत जीवन का नाम है । आराध्य जीवन होते हुए ही आराधना के साथ देह का उत्सर्ग करना ही सच्ची समाधि होती है तथा आधि ,व्याधि तथा उपाधि से रहित होकर ही जीव सच्ची समाधि धारण कर सकता है । शिविर के दौरान प्रातः काल 5 बजे से लेकर रात्रि के 10 बजे तक समाधि के विषय में प्रवचन ,  गोष्ठी के माध्यम से समाधि का स्वरूप समझाया जाएगा । जैन समाज खनियाधाना तथा स्नातक शास्त्री परिषद ने सभी साधर्मियों से इस अवसर पर चेतन बाग़ पर पधारने की अपील की है ।

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