शिवपुरी। एक-दूसरे से परिचित होने के कारण उधार लिए ऋण को नहीं चुकाने वाले आरोपी को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पूजा पाठक बौरासी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 3 लाख 85 हजार रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।
परिवाद के अनुसार परिवादी रेखा गुप्ता निवासी पटेल नगर शिवपुरी से परिचित होने के चलते अभियुक्त मयंक शर्मा पुत्र संतोष शर्मा निवासी राघवेन्द्र नगर, शिवपुरी एक-दूसरे से भलीभांति परिचित थे। परिवादी रेखा गुप्ता से आरोपी मयंक शर्मा ने अपनी पारिवारिक एवं आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 3 लाख रूपये की राशि 08.06.2021 को प्राप्त किए थे और उक्त दिनांक को ही उधार ली गई राशि के भुगतान हेतु बंधन बैंक शाखा शिवपुरी का 23.06.2021 का चैक भुगतान हेतु प्रदत्त किया था। आरोपी मयंक शर्मा ने कहा था कि उक्त चैक भुगतान हेतु अपने बैंक खाते में जमा कर देना तो आवश्यक रूप से चैक का भुगतान प्राप्त हो जाएगा। परिवादी रेखा गुपत्ज्ञ ने अभियुक्त मयंक शर्मा के द्वारा भुगतान हेतु प्रदत्त चैक अपनी शाखा बंधन बैंक शाखा शिवपुरी में जमा किया तो आरोपी मयंक शर्मा का चैक अपर्याप्त निधि के साथ बैंक रिटर्न मेमो के साथ वापिस प्राप्त हुआ। उक्त चैक बाउंस हो जाने के बाद चैक राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से 15 दिवस का नोटिस आरोपी मयंक शर्मा को भेजा गया। आरोपी मयंक शर्मा ने नोटिस के 15 दिवस बीत जाने के बाद भी उक्त धन राशि परिवादी रेखा गुप्ता को अदा नहीं की। तब परिवादी रेखा गुप्ता ने माननीय न्यायालय के समक्ष धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत परिवाद अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की साक्ष्य प्रस्तुत होने के बाद माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती पूजा पाठक बौरासी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त मयंक शर्मा को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 3 लाख 85 हजार रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी रेखा गुप्ता को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।

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