* आइए जानिए अडाणी ग्रुप को शिवपुरी ही क्यों भाई
Gwalior ग्वालियर। कहते हैं जिस जगह असाधारण व्यक्तित्व के मालिक हों उस इलाके की प्रजा के दिन फिरते देर नहीं लगती। हम बात कर रहे हैं MP के शिवपुरी जिले की जो गुना लोकसभा का हिस्सा है। इस इलाके के लोग दिल से प्यार करने वाले हैं और रूठना कम आता हैं लेकिन कभी रूठ जाएं तो परिणाम पलट देते हैं। आप समझ गए होंगे हम क्यों ये बात लिख रहे हैं लेकिन उसके पीछे कई और वजहें थीं। फिर भी उक्त इलाके में बड़े उद्योग लगाने की मांग कई सालों से की जाती रही हैं। उक्त इलाके के सांसद द ग्रेट श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब तक अनेक सौगात दीं लेकिन जनता तो जैसे उद्योग की रट लगाए थी। यही कारण रहा की चुनाव कैंपेन और विजय के बाद भी जनता ने द ग्रेट सिंधिया से उद्योग की बात कही तो उन्होंने कहा की फूड इकाइयां गुना और शिवपुरी में स्थापित करवाकर देख ली लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए इस बार कुछ बड़ा करूंगा। इसके लिए एक साल से प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव और खुद द ग्रेट सिंधिया प्रयास रत थे। ये जानकारी खुद द ग्रेट सिंधिया ने 11 अगस्त को शिवपुरी में दी थी और 28 अगस्त का इंतजार करने की बात कही थी। आपको बता दें की जटिल कार्य को बेहद साधारण तरीके से करने में महारथ हासिल रखने वाले केंद्रीय दूरसंचार मंत्री द ग्रेट सिंधिया ने बुधवार को ग्वालियर के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में वो इबारत लिख डाली जो उनके लोकसभा इलाके में आने वाले कई सालों तक उन्हें और जनता को ऊर्जा प्रदान करेगी।
इसी क्रम में शिवपुरी में अडाणी ग्रुप 2500 करोड़ की लागत से डिफेंस यूनिट लगाने जा रहा है। इसमें विमानों में इस्तेमाल होने वाला प्रोपेलेंट (फ्यूल-केमिकल) बनाया जाएगा। प्रोपेलेंट एक तरह का फ्यूल होता है, जो एनर्जी जनरेट कर विमान को आगे बढ़ाने का काम करता है। इसे रक्षा और एविएशन से जुड़े सेक्टर में सप्लाई जाएगा। इस तरह मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले से भी अब मिसाइल, जेट और रॉकेट लॉन्चर को एनर्जी मिलेगी। खास बात ये हैं की इस डिफेंस यूनिट से 5 हजार लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
आइए जानिए डिफेंस यूनिट यानि प्रोपेलेंट प्रोडक्शन यूनिट के लिए अडाणी ग्रुप को शिवपुरी ही क्यों भाई
जानकर कहते हैं कि प्रोपेलेंट प्रोडक्शन यूनिट के लिए कई चीजें देखी जाती हैं। इसके लिए ऐसा शहर हो, जहां जमीन आसानी से मिल सके। इसकी देश-प्रदेश की राजधानी से अच्छी कनेक्टिविटी हो, जिससे केमिकल के टैंकर आसानी से आ-जा सकें। इसके अलावा, कर्मचारी और मजदूरों की उपलब्धता हो। आसपास इंडस्ट्री न हो। सबसे बड़ी बात स्थानीय सरकार का समर्थन हो। इन सभी मानकों पर शिवपुरी ग्वालियर-चंबल में बेस्ट है। यहां नमी का माहौल रहता है, इसलिए केमिकल के रखरखाव में परेशानी नहीं आएगी। खास बात ये है कि यूनिट का उद्देश्य भारत को रक्षा उत्पादों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना और निर्यातक देश के रूप में स्थापित करना है। सप्लाई के लिए सरकार के मानक तय हैं। विदेशों में भी निर्यात कर सकते हैं।
गुना-ग्वालियर, मुरैना-शिवपुरी में इंडस्ट्रियल पार्क
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर-चंबल में चार नए औद्योगिक पार्क खोले जाने की घोषणा की। इसमें गुना के चेनपुरा में 333 हेक्टेयर, ग्वालियर के मोहना में 210 हेक्टेयर, मुरैना के मवई में 210 हेक्टेयर और शिवपुरी के गुरावल में 30.64 हेक्टेयर में औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे।
बदरवास की महिलाएं चलाएंगी अडाणी ग्रुप की जैकेट फैक्ट्री
गुना-ग्वालियर इलाके में अकेले अडाणी ग्रुप ही साढ़े तीन हजार करोड़ का निवेश कर रहा है। इससे साढ़े चार हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें बदरवास में जैकेट फैक्ट्री खोलने की बात कही गई है, जिसे पूरी तरह से महिलाएं चलाएंगी। बदरवास में 500 करोड़ की महिला बेस्ड जैकेट फैक्ट्री लगाने की बात कही। बदरवास में बनी जैकेट की दुनियाभर में सप्लाई होगी।
कुल 8 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए
ग्वालियर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में कुल 8 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इनमें 35 हजार लोगों को रोजगार मिलने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 1586 करोड़ रुपए की लागत से 47 नई औद्योगिक इकाइयों का सिंगल क्लिक से लोकार्पण-भूमिपूजन किया। मंच पर 5 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र (लैंड अलॉटमेंट लेटर) भी दिए गए। वहीं, गुना में 2 मिलियन टन सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट और शिवपुरी में डिफेंस सेक्टर में इन्वेस्ट शामिल है। अडाणी पोर्ट्स के एमडी करण अडाणी ने 3500 करोड़ इन्वेस्ट करने का प्रस्ताव रखा। इसमें गुना में 500 करोड़ की सीमेंट ग्राइडिंग यूनिट लगेगी।
देश के 7 बड़े रोड कॉरिडोर ग्वालियर-चंबल रीजन से इसलिए द ग्रेट सिंधिया प्लस
मध्यप्रदेश में 6 महीने में ये तीसरा कॉन्क्लेव है। इससे पहले जुलाई में जबलपुर और फरवरी में उज्जैन में कॉन्क्लेव हो चुके हैं। उज्जैन और जबलपुर के मुकाबले ग्वालियर के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों की दिलचस्पी ज्यादा है। इसकी वजह यह है कि देश के 7 बड़े रोड कॉरिडोर ग्वालियर-चंबल रीजन से होकर या इसके पास से गुजरते हैं।

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