अगर क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा तो बैंकों के पास ग्राहकों को सटीक डेटा रहेगा. यानी उन्हें पता रहेगा कि कौन सा ग्राहक लोन चुकाने में अच्छा है और कौन सा नहीं. ऐसे में वह सही ग्राहक को सही दर पर ब्याज ऑफर सकेंगे. उम्मीद की जा रही है कि इससे डिफॉल्ट की संख्या में भी कमी आएगी, क्योंकि अगर कोई ग्राहक गड़बड़ी करता है तो उसे लेकर 15 दिन में ही सिबिल स्कोर अपडेट हो जाएगा.

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