गुना। कलकत्ता में हुए अमानवीय कृत्य के खिलाफ देश भर में हमारे चिकित्सक बंधु हड़ताल पर हैं। घोर अमानवीय कृत्य के बाद भी हमारे चिकित्सकों ने मानवीयता दिखाते हुए आकस्मिक उपचार व्यवस्था जारी रखा, इस हेतु वे धन्यवाद के पात्र हैं।
पश्चिम बंगाल में घटित घटनाक्रम से हमारा सर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शर्म से झुका है।
पश्चिम बंगाल में क़ानून व्यवस्था पूर्णतः ध्वस्त हो चुकी है, हालात क़ाबू से बाहर हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं एक महिला होते हुए भी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को एक मूकदर्शक की भाँति देख रही हैं ।
राज्य में जनमानस के साथ हिंसक घटनाएँ घटित हो रही हैं एवं राज्य सरकार सुरक्षा व्यवस्था में पूर्णतः असमर्थ हो चुकी हैं ।
एैसी परिस्थितियों में देशवासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल माननीय डा. सी. बी. आनंदबोस से अपील करता हूँ कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 में प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए देश की राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती द्रोपदी मुर्मू से विधानसभा भंग कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतु अनुशंसा करने की कृपा करें, ताकि राज्य में क़ानून व्यवस्था बहाल हो सके एवं आम आदमी सुरक्षित रह सके ।महासंघ समेत हमारे सभी संगठन इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ चिकित्सकों द्वारा देश भर में किये जा रहे विरोध प्रदर्शन में iMA के साथ हैं । हम इस तरह की हिंसक घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं ।

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