2. अपर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सद्स्य।
3. प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, नगरीय आवास एवं विकास विभाग सदस्य सचिव।
4. प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग सदस्य।
5. प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग सदस्य।
बता दें की इस समस्या से प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के वे लोग अपनी जान खतरे में डालते हैं जो प्रदेश की सड़कों से होकर गुजरते हैं। अगर ये अभियान सफल हुआ तो एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। साथ ही इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए। खास बात ये हैं कि प्रदेश भर में व्यवस्थित गौ शालाएं बनी हुई और खाली पड़ी बेजार हो रही हैं। उनसे ग्रामीणों के आय से जुड़े हित जोड़कर दायित्व सौंपे जाएं तो आवारा पशुओं को सड़कों से स्थाई विदाई हो सकती हैं।

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