शिवपुरी। सर्किल जेल शिवपुरी में आज दिनांक 17.09.2024 को भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (Indian Council of Medical Research) नई दिल्ली के तत्वाधान में राष्ट्रीय क्षय (टी.बी.) उन्मूलन अभियान के तहत जिले में चलाये जा रहे स्वास्थ्य जागरूकता जिसमें नशा मुक्ति, पोषण आहार तथा स्वच्छता सम्मिलित है। कार्यक्रम के तहत जेल में बंद 417 बंदियों का 2 दिवसीय स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का शुभारंभ जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय श्री राजेन्द्र प्रसाद सोनी द्वारा किया गया।
इस दौरान जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार माननीय श्री जितेन्द्र मेहर, जिला विधिक सेवा अधिकारी श्री वीरेन्द्र चिढार, Indian Council of Medical Research की टीम डॉ. लीला मित्तल (कन्सलटेन्ट), डॉ. वीरेन्द्र टैगोर (टी.बी. सलाहकार), श्री कल्याण सिंह ठाकुर तथा श्री विजय जाटव (लेब टैक्नीशियन), श्री महेन्द्र सिंह यादव (हेल्थ असिस्टेन्ट) तथा जेल अधिकारियों में जेल अधीक्षक श्री रमेशचंद्र आर्य, जेल चिकित्सक डॉ. जलज शर्मा, जेल उप अधीक्षक श्री दिलीप तथा अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे।
शिविर में उपस्थित बंदियों को संबोधित करते हुये माननीय प्रधान एवं जिला सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा बंदियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से डिफेन्स कॉन्सल नियुक्त कर निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराये जाने तथा अर्थदंड के अभाव में या जमानतदार नहीं होने पर विधिक सेवा प्राधिकरण तथा शासन स्तर से बंदियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं के लाभ के बारे में जानकारी दी गई। शिविर में डॉ. लीला मित्तल द्वारा संबोधित करते हुये कार्यक्रम के उद्देश्य, उपचार के तरीकों तथा जागरूकता कार्यक्रम के संबंध में विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुये बताया कि जागरूकता के माध्यम से हम बीमारी को फैलने से पहले ही उसकी रोकथाम कर सकते है। टी.बी. एक संक्रामक बीमारी है जो खुले मुँह छींकने/खांसने से दूसरे व्यक्ति तक पहुँच सकती है। इसी प्रकार उन्होने बंदियों को नशे से दूर रहने, नशे से होने वाली हानियों के बारे में जानकारी दी तथा बताया उनकी टीम द्वारा उन्नत किस्म की एक्सरे मशीन (पोर्टेबल) जो 02 प्रकार के टी.बी. जिसमें एक लंग्स में और एक शरीर के किसी भाग में हो सकती है, की जांच करने की क्षमता है से जांच की जा रही है जिससे किसी को भी संक्रमण पाए जाने पर उसके एक्सरे को राज्य स्तर के चिकित्सकों एवं तत्पश्चात् नई दिल्ली के चिकित्सकों द्वारा परामर्श करके शीघ्र उचित उपचार प्रारंभ किया जाता है।
इस दौरान जेल अधीक्षक ने भी उपस्थित मंच को संबोधित करते हुये बताया कि यह शिविर जेल के लिए बहुत उपयोगी है क्यों कि इसमें एक्सरे की जांच के साथ-साथ स्पूटम की तत्काल जांच कर निष्कर्ष पर पहुंचने की सुविधा है सामान्य तौर पर बंदियों को जिला अस्पताल भेजकर उपचार कराना पडता है और इस प्रक्रिया में समय लगने की संभावना बनी रहती है जिससे सही उपचार प्रारंभ करने में बिलंव की संभावना रहती है।
शिविर में 103 बंदियों की सम्पूर्ण जांच की गई
श्री वीरेन्द चिढार द्वारा अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुये विधिक सहायता के साथ-साथ स्वास्थ्य जागरूकता के समन्वय से बंदियों को सभी मूलभूत मानवीय सुविधाओं का गुणात्मक लाभ प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध कराने के प्रयासों लिए माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश का आभार व्यक्त किया।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें