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#धमाका न्यूज़ : शिवपुरी को मिल सकता है "क्रांतिरत्न तात्या टोपे राष्ट्रीय संग्रहालय"

शनिवार, 21 सितंबर 2024

/ by Vipin Shukla Mama
*स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े पर्यटन स्थलों में हो सकता है शिवपुरी शामिल
*केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर अनुदान देने तैयार
*पूर्व सांसद की कोशिश रही अधूरी कारण राज्य सरकार ने बनाई दूरी
*ज़िला प्रशासन की थी बड़ी भूमिका पूर्व व वर्तमान कलेक्टर ने नहीं दिखाई रुचि
(एडवोकेट नितिन कुमार शर्मा
अध्यक्ष, आर्यावर्त सोशल फाउन्डेशन की कलम से )
शिवपुरी। भारत के प्रथम स्वाधीनता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महानायक क्रांतिरत्न वीर तात्या टोपे की समाधि स्थल को राष्ट्रीय स्मारक व संग्रहालय के तौर पर विकसित करने की कवायद आज भी अधूरी है। केंद्र सरकार ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान इतिहास के गर्त में दफ़न अनगिनत वीर योद्धाओं को प्रकाश में लाकर उनकी स्मृति में स्मारक व संग्रहालय स्थापित कर उनके योगदान को नमन किया वहीं दूसरी ओर प्रथम स्वाधीनता आंदोलन के मुख्य सूत्रधार व रणनीतिकार तात्या टोपे अपने समाधि स्थल के कायाकल्प की बांट निहार रहे हैं। 
विगत एक दशक से समाधि स्थल के विकास के लिए प्रयासरत आर्यावर्त सोशयल फाउंडेशन द्वारा जनवरी में चलाए गए अभियान जिसमें प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर तात्या टोपे समाधि स्थल पर राष्ट्रीय संग्रहालय की मांग की गई थी। वो पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा स्वीकार कर प्रत्युत्तर में आश्वासन दिया है कि यदि केन्द्रीय संग्रहालय अनुदान योजना के तहत् यदि हमें डीपीआर (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन) उपलब्ध कराया जाए तो हम प्राथमिकता के आधार पर तात्या टोपे राष्ट्रीय संग्रहालय हेतु कार्य करेंगे।
पूर्व सांसद ने की थी राष्ट्रीय संग्रहालय की मांग
आर्यावर्त सोश्यल फाउंडेशन के अध्यक्ष एडवोकेट नितिन शर्मा के अनुरोध पर पूर्व सांसद डॉ. के. पी. यादव ने वर्ष 2021 में लोकसभा में क्रांतिरत्न तात्या टोपे समाधि स्थल को उनके अंतरराष्ट्रीय गरिमा के अनुकूल विकसित करने हेतु मांग की थी।
राज्य सरकार व ज़िला प्रशासन ने नहीं दिखाई रुचि
सांसद की मांग पर संयुक्त सचिव संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग को उक्त संग्रहालय हेतु प्राथमिकता के आधार पर डीपीआर तैयार करने हेतु पत्र व्यवहार किया। मई 2021 में प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग, भोपाल द्वारा एक पत्र कलेक्टर शिवपुरी को भी प्राथमिकता के आधार पर डीपीआर तैयार करने हेतु भेजा।
संग्रहालय के निर्माण हेतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व कलेक्टर हमेशा रहे उदासीन
केंद्र सरकार जिस संग्रहालय के निर्माण हेतु अनुदान देने हेतु जितना उत्सुक है क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और पूर्व कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से लेकर वर्तमान कलेक्टर  रवीन्द्र कुमार चौधरी उतने ही उदासीन रहे हैं। फाउंडेशन के कई बार संपर्क करने के बाद भी संबंधित द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती। हैरत की बात यह है कि फाऊंडेशन द्वारा इस वर्ष तात्या टोपे जन्म जयंती के अवसर पर अभियान चला कर संग्रहालय निर्माण की मांग हेतु सरपंच से लेकर सांसद, धार्मिक संस्थाओं, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, सामाजिक संगठनों के पत्रों को संलग्न कर एक मांग पत्र माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम वर्तमान कलेक्टर शिवपुरी को सौंपा जिसे कलेक्टर शिवपुरी द्वारा अनायास ही एक माह तक अपने पास रखा। फाऊंडेशन द्वारा जब सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत् जानकारी चाही तब आनन-फानन में उक्त ज्ञापन को सचिव मध्य प्रदेश शासन भोपाल की ओर फरवरी माह में भेजा गया।
प्रधानंमत्री कार्यालय से प्राप्त पत्रानुसार केंद्र सरकार अनुदान देने हेतु तैयार
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार डिप्टी सेक्रेटरी द्वारा फाउन्डेशन के अध्यक्ष नितिन शर्मा के पत्रों का प्रत्युत्तर देते हुए पत्र में लिखा है कि केंद्रीय संग्रहालय अनुदान योजना की नियमावली के अनुसार यदि डीपीआर तैयार कर भेज दिया जाए तो सरकार तात्या टोपे संग्रहालय को प्राथमिकता के आधार पर अनुदान देने हेतु तैयार
राज्य सरकार या ज़िला प्रशासन की मुख्य भूमिका
केंद्र द्वारा पूर्व में जारी पत्रों के अनुसार डीपीआर तैयार करने की ज़िम्मेदारी ज़िला प्रशासन व राज्य सरकार की है। अध्यक्ष नितिन ने कहा है कि यदि उक्त संग्रहालय के डीपीआर निर्माण में सरकार फाउन्डेशन का वैचारिक व योजनासम्मत सहयोग चाहेगी तो हम भी प्राथमिकता के आधार पर सहयोग हेतु तैयार हैं। फाउन्डेशन द्वारा भी एक डीपीआर का आकर्षक प्रारूप तैयार किया गया है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा तात्या टोपे समाधि स्थल
जुलाई 2017 में अमृत योजना के तहत् 70 लाख़ 62 हज़ार रुपए तात्या टोपे समाधि स्थल के कायाकल्प हेतु स्वीकृत हुए थे। उसके अनुसार भोपाल के शौर्य स्मारक की तर्ज़ पर समाधि स्थल का विकास किया जाना था। जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने से जो कार्य हुआ उससे शहीद मेला व समाधि स्थल हेतु आरक्षित भूमि से मंदिर का आम रास्ता निकाल दिया। आज़ समाधि स्थल शराबियों व आवाराओं लोगों व पशुओं का अड्डा बन गया है।
*"आज़ादी से लेकर आज़ तक शिवपुरी कभी भी महानायकों को यथोचित सम्मान न दे सकी। सरकार ने समुद्र के टापुओं पर जाकर राष्ट्रीय स्मारक बना दिए पर हैरत की बात है देश के मध्य एबी रोड़ पर स्थित नगर में वीर तात्या टोपे के समाधि स्थल के विकास हेतु सरकार नीरस है। 1857 के महानायक वीर तात्या हों या आज़ाद हिन्द फौज़ के सेनानी कर्नल ढिल्लन या फिर गांधीवादी आंदोलन के क्षेत्रीय स्वतंत्रता सेनानी स्व. गोपालकृष्ण पुराणिक हों या राधेश्याम द्विवेदी जी शिवपुरी कभी इन नायकों के सम्मान में हमेशा मौन ही रही है। जो पीढ़ियां अपने महान पूर्वजों को भूल जाती हैं वे एक दिन समाप्त हो जाती हैं परिणाम यह है कि शिवपुरी वर्षो से कुशल नेतृत्व के बावजूद भी सामाजिक, आर्थिक, पर्यटन या यूं कहें विकास के सभी मापदंडों में अन्तिम पायदान पर है। हमें नई पीढ़ी के लिए महान आदर्शों की रक्षा करनी ही होगी"*


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