शिवपुरी। यूं तो प्रत्येक व्यक्ति अपनी भाषा के साथ-साथ आमतौर पर सांकेतिक भाषा का प्रयोग करता है, परंतु मूक बधिरों के लिए सांकेतिक भाषा ही अपनी बात रखने का माध्यम है जिसे हम सभी को समझने की आवश्यकता है। मूक बधिर बच्चे इसी सांकेतिक भाषा के जरिए अपनी अभिव्यक्ति हम तक पहुंचा सकते हैं, यह बात शहर के फतेहपुर स्थित सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान डीपीसी दफेदार सिंह सिकरवार ने कही। इस दौरान मौजूद अधिकारियों ने बच्चों के साथ सांकेतिक भाषा दिवस मनाया। कार्यक्रम में मौजूद सामाजिक न्याय विभाग की उपसंचालक नम्रता गुप्ता ने भी संबोधित करते हुए कहा कि सांकेतिक भाषा का उपयोग मूक बधिर व्यक्तियों को अपनी बात कहने और समझने का माध्यम है और यह बात समाज को भी समझने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष सुनीता गौड़, उर्वशी राजपूत, एपीसी हरीश शर्मा, एमआरसी प्रदीप शर्मा, मंगलम् संस्थान के संजय भार्गव, विकास, मुकेश झा, छात्रावास वार्डन राकेश कुशवाह, भोले यादव, संगीता चौहान सहित फतेहपुर विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका मौजूद रहे। 
फोटो : सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के आयोजन परं मौजूद अधिकारी व बच्चे।










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