बता दें की प्रो सिंघई शिवपुरी में यूनिवर्सिटी की शुरुआत कराने वाले हैं जिन्होने अपनी डिफरेंट जीनियस स्टाइल से उसे एक नई ऊंचाई तक ले जाने का काम किया। उन्हें व्यक्ति की काबलियत और उसके बेहतर उपयोग का फन अच्छी तरह ज्ञात होता है। अपने बेहतरीन कौशल, ज्ञान और मिलनसारिता के खास गुणों के चलते उन्होने कम समय में शिवपुरी को बड़ी उपलब्धि हासिल करवाने में मदद की। इस यूनिवर्सिटी और समीपस्थ ntpc कॉलेज की स्थापना यानि बिल्डिंग निर्माण की परिकल्पना केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया की थी आपने भूमि पूजन कर बिल्डिंग तैयार करवाई जिसके पीछे शिवपुरी को उच्च शिक्षा के मुकाम हासिल करवाना था। बाद में उनकी बुआ mp सरकार की वरिष्ठ केबिनेट मंत्री रहीं श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया ने इस कॉलेज की शुरुआत की। संसाधनों को जुटाने से लेकर नायाब हीरे की मानिद प्रो सिंघई को भी आप शिवपुरी लेकर आई और फिर भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ai यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स कोर्स के लिए प्रदेश बल्कि देश की पहली ai लेब की कॉलेज में शुरुआत की। कुल मिलाकर एक यूनिवर्सिटी को प्रादुर्भाव में लाने और उसकी सफलता का पूरा श्रेय प्रो सिंघई और उनकी टीम को जाता है।
अब नई पारी की शुरुआत होगी, कैसे और क्या करेंगे, धमाका से किया शेयर
धमाका ने प्रोफेसर राकेश सिंघई से विशेष बातचीत की। उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल और प्रदेश सरकार का आभार जताया और कहा कि "मुझे खुशी है कि प्रदेश सरकार और राज्यपाल ने इंदौर का कुलपति नियुक्त किया है। मेरी कोशिश होगी कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की छवि और प्रतिष्ठा को और बेहतर बनाया जाए। छात्रों को बेहतर माहौल देना मेरे एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगा। प्रदेश में इस समय सिर्फ ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के पास ही A++ ग्रेड है। हमारी कोशिश होगी कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय भी यह उपलब्धि हासिल करे।
रोजगार के बेहतर अवसर पर होगा फोकस
प्रोफेसर सिंघई ने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को रोजगार के लिए तैयार करने के साथ उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करने पर फोकस होगा। सभी कोर्सेस की समीक्षा करेंगे। उन्हें रोजगारोन्मुख बनाया जाएगा। उन कोर्सेस पर फोकस करेंगे जो उन्हें जॉब मार्केट के लिए तैयार करें। परीक्षाएं समय पर होने और परिणाम समय पर जारी करने की कोशिश होगी। यह भी हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर होगा।
डीएवीवी के पूर्व छात्रों के साथ मिलकर काम करेंगे
प्रोफेसर सिंघई ने कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं देश के नामी विश्वविद्यालयों में से एक है। यहां के पढ़े विद्यार्थी आज कई महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पदों पर हैं। सभी के साथ मिलकर काम करेंगे और इस विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा की चमक को और बढ़ाने पर फोकस करेंगे।
रेणू जैन ने किया कार्यकाल पूरा
देवी अहिल्या विवि की कुलपति रेणू जैन 27 सितंबर को रिटायर हुई हैं। 24 साल बाद पहली बार इंदौर के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में कोई कुलपति अपना कार्यकाल पूरा कर सका है। इससे पहले के कुलपतियों में से कुछ ने इस्तीफा दिया तो कुछ को हटाया गया था। रेणू जैन इंदौर की यूनिवर्सिटी की पहली और अब तक की इकलौती महिला कुलपति रही हैं। इंदौर से 5 शिक्षाविद थे कुलपति की दौड़ में शामिल
डीएवीवी के नए कुलपति की चयन प्रक्रिया अप्रैल में शुरू की गई थी, जहां देश भर से 200 से ज्यादा आवेदन आए थे, केवल इंदौर से ही 15 शिक्षाविद ने कुलपति के लिए अपनी किस्मत आजमाई लेकिन स्क्रूटनी में केवल 5 शिक्षाविद ही शामिल हो सके थे। इनमें आशुतोष मिश्रा, राजीव दीक्षित, सचिन शर्मा, कन्हैया आहूजा और संजय दीक्षित शामिल थे। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार किसी स्थानीय शिक्षाविद को विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया जा सकता है। हालांकि शनिवार को राजभवन से जारी हुए आदेश के बाद सारे कयासो पर विराम लग गया।
आईआईटी दिल्ली से एमटेक, पीएचडी
प्रो राकेश सिंघई आईआईटी दिल्ली से 1995 में एमटेक हैं, साथ ही पीएचडी भी वहीं से की है। जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से 1987 में बीई पास की थी। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से एमबीए भी किया हुआ है। सिंघई सितंबर 2020 से यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी आरजीपीवी शिवपुरी के डायरेक्टर है। वह नवंबर 1990 से सितंबर 2020 तक आरजीपीवी में प्रोफेसर पद पर रहे।
धमाका चीफ एडिटर ने दी बधाइयां
खबरों के सिरमौर mamakadhamaka.com के चीफ एडिटर विपिन शुक्ला, uit कॉलेज के स्टॉफ एवं उनके अधीन cs ब्रांच हेड रह चुकी प्रो भव्या शुक्ला, शुद्धि शुक्ला ने भी उन्हें बधाइयां प्रेषित की हैं।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें