शिवपुरी। पंचांग के अनुसार, 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। 16 अक्टूबर को रात 08 बजकर 40 मिनट पर आश्विन पूर्णिमा की शुरुआत होगी। चूंकि पूर्णिमा रात्रि कालीन पर्व है इसीलिए 16 की रात्रि में ही शरद पूर्णिमा का चंद्रमा देखा जा सकता है । अतः 16 10 2024 को ही शरद पूर्णिमा पर्व शास्त्र मत मान्यता अनुसार सही है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा रात्रि में चन्द्रमा की किरणों में रखी हुई दूध, चावल की खीर का सेवन पित्तशामक व स्वास्थ्यवर्धक है इस रात को सुई में धागा पिरोने से नेत्रज्योति बढ़ती है। हालांकि धमाका ऐसा दावा नहीं करता।
शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति
शरद पूनम रात को आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है इसलिए सबको इस रात को जागरण करना चाहिए अर्थात जहाँ तक संभव हो सोना नही चाहिए और इस पवित्र रात्रि में जप, ध्यान, कीर्तन करना चाहिए ।
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष डॉ. विकासदीप शर्मा 9993462153
शरद पूनम चन्द्र-दर्शन शुभ
इस रात को हजार काम छोड़कर 15 मिनट चन्द्रमा को एकटक निहारना एक-आध मिनट पलक झपकाना। कम-से-कम 15 मिनट चन्द्रमा की किरणों का फायदा लेना, ज्यादा करो तो हरकत नहीं इससे 32 प्रकार की पित्तसंबंधी बीमारियों में लाभ होगा, शांति होगी। फिर छत पर या मैदान में विद्युत का कुचालक आसन बिछाकर लेटे-लेटे भी चंद्रमा को देख सकते हैं। जिनको नेत्रज्योति बढ़ानी हो वे शरद पूनम की रात को सुई में धागा पिरोने की कोशिश करें।
इस रात्रि में ध्यान-भजन, सत्संग कीर्तन, चन्द्रदर्शन आदि शारीरिक व मानसिक आरोग्यता के लिए अत्यन्त लाभदायक है।
शरद पूर्णिमा की शीतल रात्रि में (9 से 12 बजे के बीच) छत पर चन्द्रमा की किरणों में महीन कपड़े से ढँककर रखी हुई दूध-पोहे अथवा दूध-चावल की खीर अवश्य खानी चाहिए। देर रात होने के कारण कम खायें, भरपेट न खायें, खीर निगरानी में रखें, सावधानी बरतें।

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