श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिवपुरी के अनुसार देव उठनी एकादशी व्रत के लाभ
दीपावली के बाद छठ पूजा और उसके बाद देव उठनी एकादशी रहती है। इस दिन के बाद से शुभ और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। इस बार यह देवउठनी एकादशी 12 नवंबर 2024 मंगलवार को रहेगी। 13 नवंबर को पारण (व्रत तोड़ने का) समय प्रात: 06:42 से 08:51 के बीच रहेगा। इस दिन 4 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, हर्षण योग, शिववास योग भी रहेंगे। उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बन रहा है। साथ ही बवकरण का भी निर्माण हो रहा है।
देव उठनी एकादशी के दिन क्या करते हैं?
1. इस दिन से विवाह आदि मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं जब देव जागते हैं तभी कोई मांगलिक कार्य संपन्न प्रारंभ होता है।
2. एकादशी के व्रत से अशुभ संस्कार नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन निर्जल या केवल जलीय पदार्थों पर उपवास रखना चाहिए। यदि उपवास नहीं रख रहे हैं तो इस दिन चावल, प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, बासी भोजन आदि बिलकुल न खाएं।
3. इस दिन शालीग्राम के साथ तुलसी का आध्यात्मिक विवाह देव उठनी एकादशी को होता है। इस दिन तुलसी की पूजा का महत्व है। तुलसी दल अकाल मृत्यु से बचाता है। शालीग्राम और तुलसी की पूजा से पितृदोष का शमन होता है।
4. इस दिन भगवान विष्णु या अपने इष्ट-देव की उपासना करना चाहिए। इस दिन •"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है।
5. कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने की स्थिति में जल और फल खाकर या निर्जल एकादशी का उपवास जरूर रखना चाहिए। व्यक्ति यदि सभी एकदशियों में उपवास रखता है तो उसका चंद्र सही होकर मानसिक स्थिति भी सुधर जाती है।
6. इस दिन देवउठनी एकादशी की पौराणिक कथा का श्रावण या वाचन करना चाहिए। कथा सुनने या कहने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
8. पितृदोष से पीड़ित लोगों को इस दिन विधिवत व्रत करना चाहिए। पितरों के लिए यह उपवास करने से अधिक लाभ मिलता है जिससे उनके पितृ नरक के दुखों से छुटकारा पा सकते हैं।
10. पुराणों अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उनके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। श्री मंशापूर्ण ज्योतिष
डॉ विकासदीप शर्मा 9425137382
9993462153

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