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#धमाका न्यूज: सहजयोग ध्यान का आयोजन 21 को केंद्र पर होगा

गुरुवार, 19 दिसंबर 2024

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। सहजयोग ध्यान केंद्र चतुर्भुज हॉस्पिटल के आगे मुन्ना ढाबे के पास शिवपुरी पर 21 दिसम्बर को देश भर के साथ सहजयोग ध्यान का आयोजन किया जाएगा। केंद्र प्रभारी अभिनव भटनागर ने बताया कि  सहज योग ध्यान की एक अनूठी विधि है जो आत्मसाक्षात्कार (कुंडलिनी ऊर्जा के जागरण) नामक एक अनुभव पर आधारित है जो प्रत्येक मनुष्य के भीतर हो सकती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से एक आंतरिक परिवर्तन होता है जिसके द्वारा व्यक्ति नैतिक, एकाग्र, एकीकृत और संतुलित हो जाता है।
 सहज योग से पाएं चिंता मुक्त जीवन
सरल, सुलभ ध्यान पद्धति है सहज योग
 सहज योग आत्मज्ञान को प्राप्त करने की अत्यंत सरल, सुलभ और सहज ध्यान पद्धति है। यह परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति से जु़ड़ने का सरल एवं सिद्ध मार्ग है। यह बात सहजयोगी योगेश लोढ़ा ने कही। वे रविवार की शाम भोपाल हिन्दी भवन में आयोजित सहजयोग ध्यान शिविर में बोल रहे थे। शिविर में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में आए सहजयोग साधकों ने शामिल होकर आत्म साक्षात्कार कर परमात्मा को जानने की विधा सीखी
 सहजयोगी श्रीलोढ़ा ने कहा कि अधिकतर लोग जानते हैं कि परमात्मा का वास मनुष्य के भीतर है, लेकिन बहुत कम लोगों ने इसका अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि परमात्मा की सर्वव्यापकता शक्ति का प्रतिबिम्ब कुंडलिनी के रूप में हर व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी के निचले छोर पर स्थित पवित्र त्रिकोणकार अस्थि में सुप्तावस्था में विद्यमान है।
 इस ईश्वरीय शक्ति के जागृत होने पर मानव के सृजनात्मक व्यक्तित्व व उत्तम स्वास्थ्य का विकास होने लगता है और उसकी अंतर्जात प्रतिभा खिल उठती है। उस पर परमात्मा की कृपा बरसने लगती है। मनुष्य तनाव रहित जीवन, निःस्वार्थ प्रेम एवं आनंद की स्थिति में स्थापित होने लगता है।
 सहज योग आत्मज्ञान को प्राप्त करने की अत्यंत सरल, सुलभ और सहज ध्यान पद्धति है। यह परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति से जु़ड़ने का सरल एवं सिद्ध मार्ग है। यह बात सहजयोगी योगेश लोढ़ा ने कही। वे रविवार की शाम भोपाल हिन्दी भवन में आयोजित सहजयोग ध्यान शिविर में बोल रहे थे। शिविर में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में आए सहजयोग साधकों ने शामिल होकर आत्म साक्षात्कार कर परमात्मा को जानने की विधा सीखी।
सहजयोगी श्रीलोढ़ा ने कहा कि अधिकतर लोग जानते हैं कि परमात्मा का वास मनुष्य के भीतर है, लेकिन बहुत कम लोगों ने इसका अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि परमात्मा की सर्वव्यापकता शक्ति का प्रतिबिम्ब कुंडलिनी के रूप में हर व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी के निचले छोर पर स्थित पवित्र त्रिकोणकार अस्थि में सुप्तावस्था में विद्यमान है।
इस ईश्वरीय शक्ति के जागृत होने पर मानव के सृजनात्मक व्यक्तित्व व उत्तम स्वास्थ्य का विकास होने लगता है और उसकी अंतर्जात प्रतिभा खिल उठती है। उस पर परमात्मा की कृपा बरसने लगती है। मनुष्य तनाव रहित जीवन, निःस्वार्थ प्रेम एवं आनंद की स्थिति में स्थापित होने लगता है।
सहय योग के लाभ : उन्होंने बताया कि सहजयोग के नियमित अभ्यास से कैंसर, ब्लड प्रेशर, हाइपर टेंशन और हृदय के रोगियों को भी लाभ हुआ है। शिविर का शुभारंभ श्रीमाताजी के समक्ष दीप प्रज्वलन और पूजा-अर्चना से हुआ। करीब दो घंटे तक चले इस सहजयोग शिविर के बाद साधकों ने अपने ध्यान के अनुभव भी बांटे। शिविर का समापन श्रीमाताजी की महाआरती से हुआ।
सहज योग का महत्व : योग करने से न केवल बीमारियों को दूर रखा जा सकता है, बल्कि मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिल सकती है। खासकर विद्यार्थियों के लिए तो योग अमृत के समान है। जो विद्यार्थी योग को अपने जीवन में नियमित रूप से शामिल करते हैं वे न केवल पढ़ाई में अव्वल आते रहते हैं, साथ ही अन्य गतिविधियों में भी उनका कोई मुकाबला नहीं रहता।















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