ग्वालियर। 9 साल की नाबालिंग बेटी से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता (29 साल) को विशेष न्यायाधीश तरुण सिंह ने आजीवन कारावास की सजा दी है। पिता की ओर से दलील दी कि ये उसका पहला अपराध है। ऐसे में उसे कम सजा दी जाए। न्यायाधीश ने कहा-जहां बच्ची अपने परिवार के बीच में रह रही हो, वहां उसके साथ ऐसी घटना हुई। ऐसे मामले में अभियुक्त को न्यूनतम दंड दिया जाना उचित नहीं है। न्यायालय ने पिता पर 25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। ये राशि पीड़िता को देने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत भी पीड़िता को ढाई लाख दिए जाएंगे।
एडीपीओ आशीष राठौर और नैंसी गोयल ने बताया पीड़िता की मां शासकीय अस्पताल में कार्यरत है। 4 मई 2022 की रात्रि में वह ड्यूटी पर थी। मौका पाकर सौतेले पिता ने बेटी के साथ घटना को अंजाम दिया। पिता ने धमकाते हुए कहा-यदि मां को इस बारे में बताया तो जीवन का अंतिम दिन होगा।
इन सबूतों ने दिलाई सजा
फोरेंसिक साइंस लैब रिपोर्ट
घटना 4 मई की और एफआईआर 6 मई को लिखी गई। मेडिकल साक्ष्य एकत्रित करने में देरी नहीं हुई। परिणाम बेटी के कपड़ों पर वीर्य के धब्बे और मानव शुक्राणु पाए गए। डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
कोर्ट में यह कहाः
न्यायालय में बेटी ने कहा कि मां-पिता का झगड़ा हुआ था। वे थाने में रिपोर्ट लिखाने गए थे। पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया।

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